सहरसा. गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन ने गुरुवार को सहरसा कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकार से अपना दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि आजीवन कारावास की सजा की 14 वर्ष की अवधि पूरी हो चुकी है. इसके बावजूद नीतीश सरकार मुझे जेल में कैद किए हुए है. मुझे रिहा करने के बजाये बदले की भावना से जेल के वार्ड में छापामारी कराकर मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.
आजीवन कारावास के 14 साल बीत जाने के साढ़े पांच महीने के बाद भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. अगर नीतीश कुमार को मुझ से इतनी ही तकलीफ है, तो मुझे गोली मार दें या नहीं तो जेल के अंदर खाने में जहर मिला दें.
नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बीते 23 अक्टूबर की देर शाम जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में मंडल कारा में औचक छापेमारी की गयी थी. यह बदले की भावना और राजनीतिक साजिश के तहत की गयी थी. इस दौरान मुझे बदनाम करने और मानसिक यातना पहुंचाने का पूरा प्रयास किया गया.
उन्होंने कहा कि नियम, कानून और संविधान से सभी बंधे हैं. जेल एक संस्था है, सराय नहीं, जहां कोई भी मुंह उठाकर चले जाए. तलाशी के दौरान वरीय पदाधिकारी बाहर मौजूद थे, जबकि डीएसपी और एसडीओ ने जेल में छापामारी की थी. पूर्व सांसद ने कहा कि कायदे से जेल अधीक्षक छुट्टी में थे, लेकिन उनके ही आवेदन पर उनपर मामला दर्ज किया गया है. उनके पास चार मोबाइल दिखाये गये, जो सरासर झूठ है.
Posted by Ashish Jha