पटना के बेऊर जेल में बंद पूर्व विधायक व बाहुबली अनंत सिंह का वार्ड खुला रहने के विरोध में समर्थकों ने जेल में धरना -प्रदर्शन किया. धरने पर खुद अनंत सिंह बैठ गये. इसकी जानकारी मिलते ही सुरक्षाकर्मी और कक्षपाल मौके पर पहुंचे और धरना खत्म करने को कहा. इस बात से आक्रोशित होकर अनंत सिंह के समर्थक व सुरक्षाकर्मियों के बीच पहले तीखी नोकझोंक हुई, जो देखते-ही-देखते मारपीट में तब्दील हो गयी. समर्थकों ने कक्षपाल और सुरक्षाकर्मियों की जमकर पिटाई कर दी.
50 से 60 समर्थकों के साथ धरने पर बैठे थे अनंत सिंह
बेउर जेल में धरने पर अनंत सिंह करीब 50 से 60 समर्थकों के साथ बैठे थे. इस दौरान समर्थकों ने जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी हत्या की आशंका भी जतायी. वहीं डीएम के आदेश पर पूर्व विधायक का वार्ड बंद नहीं करने काे लेकर एक-दाे कक्षपालाें काे निलंबित कर दिया गया है. वहीं हंगामा करने वाले कैदियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही 31 कैदियों को दूसरे जेल में भेजने की कार्रवाई की जा रही है.
समर्थकों ने अनंत सिंह की मौजूदगी में कक्षपाल पर चलाया लाठी-डंडा, चार घायल
दरअसल हुआ यह कि धरना-प्रदर्शन लगभग खत्म हो गया था. इसके बावजूद पूर्व विधायक धरने पर बैठे रहे. इन्हें जबरन धरने से हटाया जाने लगा. जैसे ही अनंत सिंह को हटाने की कोशिश की गयी, तो उनकी माैजदूगी में समर्थकाें ने कक्षपालाें पर लाठी-डंडे चला दिया, जिसमें चार कक्षपाल घायल हाे गये. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों व कक्षपालों ने भी लाठी भांजी, जिसमें पूर्व विधायक के कुछ समर्थकाें काे भी चाेटें आयीं. यह घटना सुबह 7:50 बजे से करीब 10 बजे तक हाेती रही.
जेल की बढ़ायी गयी सुरक्षा, कई बार बजी पगली घंटी
घटना के दौरान जेल में भगदड़ मच गयी. यह देख कर कई बार पगली घंटी बजायी गयी. पगली घंटी बजने के बाद कारा सुरक्षाकर्मियाें ने सभी कैदियाें और बंदियाें काे वार्ड में बंद कर दिया. जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गयी. सभी टावराें पर सुरक्षाकर्मी चाैकस हाे गये. मुलाकातियाें काे मेन गेट से हटा दिया गया. जेल के अंदर और बाहर सुरक्षा व्यवस्था चाैकस कर दी गयी. मामले की जानकारी मिलते ही जेल आइजी, सहायक जेल आइजी, एसडीओ, फुलवारी एसडीपीओ बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ बेऊर जेल पहुंच गये. इसके अलावा बेऊर, फुलवारीशरीफ, रामकृष्णानगर समेत कई थानाें की पुलिस जेल पहुंच गयी.
जेल आइजी की रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई
बेउर जेल में हुए हंगामे पर गृह विभाग ने भी संज्ञान लिया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने इस मामले में जेल आइजी शीर्षत कपिल अशोक को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. आइजी की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जेल में क्यों बंद हैं अनंत सिंह
बता दें कि पूर्व विधायक अनंत सिंह को मोकामा में ‘छोटे सरकार ‘ के नाम से भी जाना जाता है. अनंत सिंह पर विभिन्न थानों में सैंकड़ों आपराधिक मामले दर्ज हैं. अनंत सिंह के घर से AK-47 बरामद हुआ था. इसी मामले में उन्हें एमपी-एमएलए कोर्ट से 10 साल की सजा सुनाई गई है.
अनंत सिंह के बड़े भाई भी थे बाहुबली
बाहुबली नेता अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप सिंह भी बिहार के बड़े बाहुबली नेताओं में से एक थे. दिलीप सिंह ने ही अनंत सिंह को राजनीति के गुर सिखाए हैं. वो पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की सरकार में मंत्री भी रहे थे. दिलीप सिंह ने श्याम सुंदर धीरज को मात देकर जनता दल के टिकट से विधायक बने थे. वो वर्ष 1990 से 200 तक विधायक रहे थे. दिलीप सिंह ने नेता बनने के बाद जब अपना दबदबा कायम कर लिया तो उन्होंने भाई अनंत सिंह को जिम्मेदारी सौंप दी. जिसके बाद अनंत सिंह ने भी बिहार में अपना दबदबा कायम किया.
अनंत सिंह 2005 से 2020 तक लगातार जीते चुनाव
लोगों की मानें तो मोकामा में छोटे सरकार यानी अनंत सिंह का सिक्का चलता है. 2005 से 2020 तक लगातार मोकामा विधानसभा सीट से वो जीत दर्ज करते आए हैं. कभी उन्होंने जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा तो कभी राजद ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. यहां तक कि जेल में बंद रहकर ही वो चुनाव लड़े और तब भी जीत का सेहरा ही उनके सिर पर सजा. वहीं मोकामा विधानसभा सीट से अभी अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी विधायक हैं.