21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पोखर की खुदाई से विश्व धरोहर नालंदा के निकट की प्राचीन संरचनाएं नष्ट, एएसआई की आपत्ति के बाद जांच का आदेश

Bihar News: घाट से थोडी उत्तर एक लकड़ी भी मिट्टी में धंसी हुई दिखी . इसके ऊपर का आकार भी क्षतिग्रस्त हो गया है. तालाब के उत्खन के दौरान एक शिवलिंग भी मिली है, जिसेनिकट के मोहनपुर गांव में स्थापित कर पूजा पाठ किया जा रहा है.

Bihar News: विश्व धरोहर नालंदा विश्वविद्यालय के निषिद्ध हिस्से में ऐतिहासिक बड़गांव पोखर की खुदाई के दौरान प्राचीन संरचनाओं को क्षति पहुंची है. यहां पालकालीन ईंट और प्राचीन बर्तन के टुकड़ों के अवशेष मिले हैं. जिला प्रशासन की लापरवाही से उत्खनन में मिले बर्तन के टुकड़ों को लोग उठा कर ले गये. बिहारशरीफ संग्रहालय के अध्यक्ष शिवकुमार मिश्र ने गुरुवार को पोखर परिसर का निरीक्षण किया. उनकी ओर से रिपोर्ट कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव तथा निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय को सौंपी गयी.

ऐतिहासिक पोखर का उत्खनन कराया गया

रिपोर्ट में इस पोखर को संरक्षित किये जाने की सिफारिश की गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़गांव के ऐतिहासिक तालाब के विश्व हेरिटेज के 14 नंबर मंदिर के पास ऐतिहासिक पोखर का उत्खनन कराया गया है. यह पोखर केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षित स्मारक के करीब है. इसका उल्लेख 1862 से 65 के एलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में अंकित है. इस तरह के ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थल पर किसी प्रकार के उत्खनन अथवा निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होती है.

उत्खनन के दौरान प्राचीन संरचनाएं नष्ट होने का प्रमाण मिला

यहां प्राचीन ईंटों के टुकड़ेबिखरे पड़े है. उत्खनन के दौरान प्राचीन संरचनाएं नष्ट होने का प्रमाण मिला है. एक क्षतिग्रस्त घाट बचा हुआ है. जो ईंटें मिली हैं, उनका प्रयोग पालकाल अर्थात् नवम्- दशम् शताब्दी के आस-पास किया जाता था. घाट से थोडी उत्तर एक लकड़ी भी मिट्टी में धंसी हुई दिखी . इसके ऊपर का आकार भी क्षतिग्रस्त हो गया है. तालाब के उत्खन के दौरान एक शिवलिंग भी मिली है, जिसेनिकट के मोहनपुर गांव में स्थापित कर पूजा पाठ किया जा रहा है.

Also Read: अब NIA करेगी पटना में जेहादी ट्रेनिंग मामले की जांच, बिहार पुलिस ने की 26 संदिग्धों की पहचान, 5 गिरफ्तार
एएसआई की आपत्ति के बाद जांच का आदेश

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की पटना शाखा ने विश्व धरोहर स्थल नालंदा विश्वविद्यालय के निषिद्ध हिस्से में खुदाई के दौरान जमीन के नीचे दबी पाल कालीन एक दीवार को क्षति पहुंचने पर नाराजगी जतायी है. एएसआई की पटना शाखा (सर्कल) की अधीक्षण पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने कहा कि मामले को जिलाधिकारी के संज्ञान में लाये जाने के बावजूद पोखर से लघु जल संसाधन विभाग के एक कनीय अभियंता द्वारा गाद निकालने का कार्य किया गया था. उन्होंने विभाग के अपर मुख्य सचिव परमार रवि मनुभाई को पत्र लिखा था. विभाग ने संबंधित अभियंताओं से स्पष्टीकरण मांगा है और मामले की जांच का आदेश दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें