Patna News: जांच में 65 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में मिली खून की कमी, जानें इसका इलाज और रोकथाम

Patna News: पटना जिले के सभी शहरी और ग्रामीण इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में पिछले महीने की नौ तारीख को लगाये गये शिविर में कुल 940 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच करायी गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2022 7:22 AM

पटना. अधिकतर गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं खून की कमी से जूझ रही हैं. पटना ऑब्स एंड गायनेकोलॉजी सोसाइटी और प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत जिले के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में लगाये गये शिविरों के आंकड़ बे ताते हैं कि सिर्फ 35 प्रतिशत गर्भवती ऐसी हैं, जिनमें गर्भावस्था के दौरान खून का लेवल ठीक है, जबकि 65% खून की कमी से ग्रसित हैं. पटना जिले के सभी शहरी और ग्रामीण इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व अस्पतालों में पिछले महीने की नौ तारीख को लगाये गये शिविर में कुल 940 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच करायी गयी. इनमें से 610 महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर कम पाया गया, जबकि इनमें से 45 महिलाओं में हाइ रिस्क के लक्षण दिखे गये.

इलाज और रोकथाम

पीएमसीएच की डॉ अमृता राय ने बताया कि अगर एनिमिया मलेरिया या पेट में कीड़ों के कारण है, तो पहले उसका इलाज करें. आयरन युक्त चीजों का सेवन करें, विटामिन ए व सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, गर्भवती महिलाओं व किशोरियाें को नियमित रूप से 100 दिन तक आयरन तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाना खाने के बाद लेनी चाहिए. जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए.

खून की कमी के ये कारण

मलेरिया होने के बाद खून में लाल रक्त कण नष्ट हो जाते हैं. किसी भी कारण रक्त में कमी, जैसे- शरीर से खून निकलना, शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहना, माहवारी में अधिक मात्रा में खून जाना, पेट के कीड़ों के कारण खूनी दस्त लगना, पेट के अल्सर से खून जाना, बार-बार गर्भ धारण करना खून की कमी के कारण हैं.

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की सूचना देने के लिए अपील

खून की कमी के लक्षण

त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों व पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी, बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना, चेहरे व पैरों पर सूजन दिखाई देना खून की कमी के लक्षण हैं.

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