बाढ़ में पशुओं के बह जाने पर पशुपालक को दर्ज कराना होगा सनहा, बिहार सरकार पशुओं की मौत पर देगी मुआवजा

निदेशक पशुपालन विजय प्रकाश मीणा का कहना है आपदा में पशु की मौत होने पर इसकी सूचना प्रखंड के पशु चिकित्सा पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी को देनी होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2022 1:14 PM

पटना. सरकार ने बाढ़-आपदा में पशुओं की मौत होने पर मुआवजा देने के नियमों की प्रक्रिया को सरल कर दिया है. पशुपालकों को आपदा में पशु की मौत पर मुआवजा लेने के लिए उसका पोस्टमार्टम कराना होगा. पशु के बाढ़ में बह जाने पर थाने में सनहा दर्ज कराना होगा. इसके बाद ही पशु क्षति सहायता अनुदान (मुआवजा) की प्रक्रिया शुरू होगी. बाढ़ की स्थिति में पशु की मौत पर मुआवजा देने का प्रावधान है. निदेशक पशुपालन विजय प्रकाश मीणा का कहना है आपदा में पशु की मौत होने पर इसकी सूचना प्रखंड के पशु चिकित्सा पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी को देनी होगी.

आपदा की घड़ी में पशुपालकों को हर संभव सहायता दी जायेगी

पशु का मृत शरीर उपलब्ध रहने की स्थिति में पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा उसका पोस्टमार्टम किया जायेगा. पशुपालक से प्रपत्र ‘ क ‘ में आवेदन लेकर अंचलाधिकारी एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी को समर्पित करेंगे. पशु का शव नष्ट होता है या बाढ़ में बह जाता है, तो पशुपालक को थाने में सनहा दर्ज करानी होगी. सनहा और प्रपत्र ‘क ‘ में आवेदन लेने के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि की अनुशंसा करानी होगी. इसके बाद मुआवजे का आवेदन अंचलाधिकारी को उपलब्ध कराना होगा. निदेशक ने बताया कि आपदा की घड़ी में पशुपालकों को हर संभव सहायता दी जायेगी.

कैटल ट्रफ के क्षतिग्रस्त होने पर 48 घंटे में दुरुस्त कराना होगा

पदाधिकारियों को सेंसिटाइज कर दिया गया है. 15 जून तक सभी तैयारी कर ली जायेंगे. पशुओं के लिए पेयजल के इंतजाम के आदेश : गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए पेयजल की किल्लत न रहे इसके लिए ग्राम पंचायतों में पशु पेयजल सुविधा (कैटलट्रफ) के रखरखाव का जिम्मा जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया है. वे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता की मदद से सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी पंचायत में पानी की किल्लत न रहे. कैटल ट्रफ के क्षतिग्रस्त होने पर 48 घंटे में दुरुस्त कराना होगा.

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