बगहा में जंगल से निकलकर रिहायशी इलाकों में आ रहे जानवर, स्टेट हाईवे पर टहलता दिखा बाघ, लोगों में दहशत
वाल्मीकिनगर-मदनपुर स्टेट हाईवे सड़क के दोनों तरफ घना जंगल है. वन्यजीव अक्सर एक ओर के जंगल से निकलकर दूसरी ओर जाने के लिए सड़क पार करते दिख जाते हैं. लेकिन पर्यटकों को बाघ देखने का ऐसा मौका बहुत कम ही मिलता है. लेकिन जब उन्हें स्टेट हाइवे पर बाघ दिखा तो वो उसे कैमरे में कैद करते दिखे.
बिहार के पश्चिमी चंपारण स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीचोबीच स्टेट हाइवे सड़क पार कर बाघ एक तरफ से जंगल के दूसरे तरफ जाते हुए देखा जाए तो लाजमी है. थोड़ी देर के लिए दिल की धड़कन तेज हो जाती हैं. लेकिन ऐसा मौका बहुत कम ही सैलानियों को मिलता है. जब मुख्य सड़क पर बाघ आकर अपना ठिकाना बना ले. इसी क्रम में बुधवार की शाम करीब सात बजे वाल्मीकिनगर जा रहे लोगों को मुख्य सड़क पर ही बाघ मिल गया. यह बाघ 10 मिनट तक सड़क पर ही टहलता रहा और इस दौरान सैलानियों को आनंद के का अनुभव कराता रहा. सड़कों पर बाघों का ऐसे देखा जाना वीटीआर में बढ़ रही बाघों की संख्या को बयां करता है.
तेंदुआ ने एक बकरी व दो कुत्तों का किया शिकार
इधर बगहा के मधुबनी प्रखंड के रिहायशी क्षेत्र में तेंदुआ के पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. डरे सहमे लोग खेतों में जाने से परहेज कर रहे है. जबकि वन विभाग की टीम कैंप कर तेंदुआ के निगरानी में जुट गयी है. तेंदुआ ने एक बकरी व दो कुत्तों का शिकार किया है. जानकारी के अनुसार मधुआ पंचायत के छितौना टोला गांव निवासी मैनेजर बीन की बकरी का शिकार एक जंगली जानवर द्वारा किया गया. फिर दो कुत्तों का भी शिकार किया गया. जिसको देख ग्रामीणों ने हल्ला मचाया व ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दिया गया.
बायोडायवर्सिटी के लिए वीटीआर को मिल चुका है अवॉर्ड
बता दें कि प्रशंसा हैबिटेट प्रबंधन के मामले में वीटीआर को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा मिल चुकी है. इसके साथ ही वीटीआर का तीन वर्ष कैट्स (कंजरवेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड) एक्रिडेशन हो चुका है. यह मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता पाने वाला वीटीआर देश का 14 वां टाइगर रिजर्व हो गया है. गौरतलब हो कि बायोडायवर्सिटी के लिए भी अवार्ड मिल चुका है. इस वर्ष मार्च में गुवाहाटी से आए एनटीसीए आइजी डब्लू लोंगवा ने मंगुराहा, गोबर्धना, रघिया प्रक्षेत्र के अंदर से 200 किलोमीटर का दौरा किया था. अपनी टिप्पणी में वन्यजीव प्रबंधन के लिए वीटीआर को अच्छा कहा था.
स्टेट हाइवे पर कई जगह वन्यजीवों की तस्वीर का लगा है होर्डिंग बोर्ड
मदनपुर जंगल से आयी बाघ का तस्वीर जहां लोगों को रोमांचित कर रही है. वहीं वीटीआर में बाघों की बढ़ती संख्या की तस्दीक भी करती है. मदनपुर वन चेक पोस्ट पर बाघों की होर्डिंग तस्वीर देखकर लोग सेल्फी एवं फोटो लेते हैं. वही दूसरी ओर मदनपुर से वाल्मीकिनगर तक जगह-जगह लगी होर्डिंग बोर्ड पर वन्यजीवों की तस्वीर के समीप जंगलों में जानवर देखकर लोग रोमांचित हो रहे हैं. कहीं बाघ, भालू, हिरण, सांप, नीलगाय, मोर, तेंदुए, चमगादड़ आदि का होर्डिंग बोर्ड लगाया गया है.
बढ़ रही है बाघों की संख्या
वीटीआर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वर्ष 2010 में बाघों की संख्या 8 थी. वही वर्ष 2014 में यह बढ़कर 23 हो गयी और वर्ष 2018 में कराई गई बाघों की गणना में वीटीआर में 31 बाघ निकले. यह संख्या वर्ष 2022 के गणना के अनुसार 52 पहुंच गयी है.
ग्रास लैंड का बढ़ाया गया दायरा
पूरे वीटीआर में दो हजार वर्ग हेक्टेयर से ज्यादा ग्रास लैंड हो गया है. इसे पांच हजार वर्ग हेक्टेयर तक बढ़ाने की योजना है. घास के मैदान बढ़ने से शाकाहारी जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. यह बाघों के लिए अच्छा परिणाम दे रहा है.
अक्सर सड़कों पर नजर आ जाते हैं वन्यजीव
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि के. ने बताया कि वीटीआर में बाघ व तेंदुआ की संख्या है, तभी तो दिख रहे हैं. वाल्मीकिनगर-मदनपुर स्टेट हाईवे सड़क के दोनों तरफ घना जंगल है. वन्यजीव अक्सर एक ओर के जंगल से निकलकर दूसरी ओर जाने के लिए सड़क पार करते दिख जाते हैं. सड़क पर बाघ का टहलने व देखे जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है. जब सड़कों पर आवागमन बंद होने से सड़क सुनसान हो जाते हैं तो वन्यजीव निकलकर सड़क पार कर इधर-उधर भ्रमण करते रहते हैं. आंकड़ों के अनुसार वीटीआर में कुल 52 बाघों की संख्या बताई जा रही है. प्रत्येक वर्ष शावक इनकी संख्या बढ़ रही है.
सड़कों पर दिख रहे जानवर
सीएफ ने बताया कि वीटीआर के जंगल में बाघों की दहाड़ सुनाई देने लगी है. जंगलों से गुजरी प्रत्येक सड़कों पर कहीं ना कहीं बाघ, तेंदुआ, हिरण, मोर, भालू आदि जंगली जानवर दिखाई देने लगे हैं. सैलानियों से अपील है कि स्टेट हाइवे सड़क पर अपना वाहन धीरे-धीरे चलाएं. ताकि वन्यजीवों को कोई नुकसान नहीं हो.