बिहार के 17 पारंपरिक विश्वविद्यालयों / समकक्ष संस्थानों के 650 शोधार्थियों को सालाना रिसर्च फेलोशिप दी जायेगी. बिहार उच्चतर शिक्षा परियोजना की तरफ से तैयार किये प्रस्ताव को शिक्षा विभाग की तरफ से गठित कुलपतियों की एक समिति ने अपने अभिमत के साथ बुधवार को हरी झंडी दे दी है. फेलोशिप की यह योजना मुख्यमंत्री की पहल पर तैयार की गयी है.
कुलपतियों की समिति के अभिमत के बाद प्रस्तावित फेलोशिप की संख्या को 400 से बढ़ा कर 650 कर दिया गया है. शोधार्थियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से फेलोशिप दी जायेगी. प्रस्ताव के मुताबिक यह फेलोशिप उन रिसर्च स्कॉलर्स को मिलेगी, जो केवल बिहार के पारंपरिक 15 विश्वविद्यालयों, आर्यभट्ट ज्ञान विवि और नालंदा खुला विश्वविद्यालय में नामांकित हैं. 31 साल तक के रिसर्च स्कॉलर को ही फेलोशिप देने का प्रस्ताव है. केवल आरक्षित वर्ग व महिलाओं को पांच साल अतिरिक्त छूट प्रस्तावित है.
प्रस्ताव के मुताबिक फेलोशिप केवल तीन साल तक दी जायेगी. अवधि को बढ़ाया नहीं जा सकेगा. किसी भी पार्ट टाइम रिसर्च करने वालों को यह फेलोशिप नहीं दी जायेगी. साथ ही रिसर्च के लिए किसी तरह की पहले फेलोशिप या स्कॉलरशिप ले चुके लोगों को यह राशि नहीं मिलेगी. हर छह माह में फेलोशिप पाने वाले रिसर्च स्कॉलर को अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट अपलोड करनी होगी. शोधार्थियों को कम- से- कम दो रिसर्च पेपर यूजीसी के जर्नल में प्रकाशित कराना जरूरी होंगे.
फेलोशिप के संदर्भ में बुधवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन में हुई इस बैठक में फेलोशिप योजना में गहन विचार मंथन हुआ. अब फेलोशिप के प्रस्ताव को शिक्षा विभाग, वित्त विभाग की सहमति के बाद कैबिनेट में मजूरी के लिए पेश करेगा. बैठक में पटना विश्वविद्यालय ,पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव , उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी , बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के एकेडमिक ऑफिसर डॉ गौरव सिक्का आदि अफसर मौजूद रहे.
बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद एक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिये जायेंगे. आवेदनों की शाॅर्ट लिस्टिंग के लिए स्ट्रीम वाइज सिलेक्शन कमेटी होगी. कक्षा 10 वीं, 12 वीं, स्नातक,स्नातकोत्तर और रिसर्च पब्लिकेशन यूजीसी केयर जर्नल और रिसर्च सिनोफ्सिस के मार्क्स के आधार पर चयन किया जायेगा. रिसर्च सिनोफ्सिस एक विशेष फाॅर्मूला होगा. कुल 100 मार्क्स की प्रतिस्पर्धा होगी. इस समूचे कार्यक्रम के संचालन के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी बनेगी.
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विज्ञान संकाय, एनिमल साइंस और एग्रीकल्चर साइंस में फैलोशिप की संख्या– 200
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सामाजिक विज्ञान विषय में फैलोशिप की संख्या – 200
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मानिविकी और भाषा विषयों में फेलोशिप की संख्या- 125
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कॉमर्स एवं शिक्षा आदि विषयों में फैलोशिप की संख्या- 125