वायरल बुखार से NMCH में एक और बच्चे की मौत, एम्स में कोई बेड खाली नहीं, मरीजों को मिल रही वेटिंग

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती एक और नवजात की मौत मंगलवार की रात को हो गयी है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान रामकृष्णा नगर निवासी डेढ़ वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 16, 2021 10:00 AM
an image

पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती एक और नवजात की मौत मंगलवार की रात को हो गयी है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि इलाज के दौरान रामकृष्णा नगर निवासी डेढ़ वर्षीय बच्चे की मौत हो गयी. वह निमोनिया व अन्य बीमारियों से पीड़ित था. अस्पताल में सात बच्चों की मौत अब तक हो चुकी है.

वहीं, बुधवार को पांच बच्चों को भर्ती किया गया. इनमें तीन निमोनिया पीड़ित हैं. अधीक्षक ने बताया कि 84 बेड वाले वार्ड में 75 मरीज भर्ती हैं. निमोनिया से पीड़ित 61 बच्चों को भर्ती किया गया, जिनमें से 27 को डिस्चार्ज कर दिया है. अभी निमोनिया से पीड़ित 23 बच्चे भर्ती हैं.

अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि बुधवार को ओपीडी में 67 बच्चे पहुंचे. इनमें 11 निमोनिया से पीड़ित थे. अस्पताल के नीकू में सभी 24 बेडों पर मरीज भर्ती हैं. पीकू व इमरजेंसी के आठ बेडों पर मरीज भर्ती हैं.

विभाग में 10 और बेड की व्यवस्था है. इसके अलावा मरीज बढ़ने की स्थिति में सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस भवन में स्थित एमसीएच मदर एंड चाइल्ड हॉस्टिपल के भवन में भी द्वितीय तल्ला पर 42 बेड पर भर्ती किया जायेगा.

एम्स फुल : बच्चों के इलाज के लिए अब मिल रही वेटिंग

इधर वायरल के बढ़ते मामले का असर है कि पटना एम्स में 60 बेडों का वार्ड और 15 बेडों का आइसीयू फुल हो गया है. इनमें छह बच्चे गंभीर निमोनिया से पीड़ित हैं. बच्चा मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण अब यहां भर्ती होने वाले पांच से सात बच्चों को वेटिंग मिलनी शुरू हो गयी है. वहीं, जिन बच्चों की हालत गंभीर है, उनका पलायन शुरू हो गया है.

बुधवार को ओपीडी में आये सात बच्चों को भर्ती होने के लिए डॉक्टरों ने वार्ड में रेफर किया. इनमें दो बच्चों को आइसीयू की जरूरत थी. जगह के अभाव के चलते वेटिंग दे दी गयी. एम्स में 165 बच्चे ओपीडी में पहुंचे. पीएमसीएच में 72 और आइजीआइएमएस में 67 बच्चे वायरल फीवर के इलाज के लिए ओपीडी में पहुंचे. आइजीआइएमएस में चार बच्चों को भर्ती किया गया.

पटना एम्स के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ विनय कुमार कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस साल पटना एम्स के शिशु रोग विभाग में बच्चों की संख्या अधिक बढ़ गयी है. यही वजह है कि शिशु रोग वार्ड फुल चल रहा है. वायरस फीवर कई लक्षणों के साथ सामने आ सकता है.

Posted by Ashish Jha

Exit mobile version