एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग : बिहार में लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक हो रहे हैं शिकार
राज्य में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक शिकार हो रहे हैं. 18 वर्ष से कम बच्चियों के मुकाबले मेल चाइल्ड की संख्या अधिक है.
पटना. राज्य में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग मामले में लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक शिकार हो रहे हैं. 18 वर्ष से कम बच्चियों के मुकाबले मेल चाइल्ड की संख्या अधिक है.
पुलिस विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के अंदर एंटी ह्यूमैन ट्रफिकिंग को लेकर वर्ष 2015 से सितंबर 2020 तक 1197 गिरफ्तारियां की गयी हैं, जबकि इस मामले में 484 केस दर्ज किये जा चुके हैं.
रिपोर्ट बताती है कि बीते वर्ष लॉकडाउन की अवधि में भी इन मामलों में कमी अायी थी. जहां बीते वर्ष में इस तरह के मामले में दर्ज केस की संख्या 100 से अधिक रही है, वहीं बीते वर्ष मामले 45 के लगभग ही सीमित रहे.
लड़कों की बरामदगी अधिक
चाइल्ड लेबर से लेकर बच्चों से होने वाले अपराध के मामलों में लड़कियों के मुकाबले लड़कों की अधिक बरामदगी हुई है.
रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2015 से लेकर 2020 के बीच राज्य के भीतर 18 वर्ष से कम उम्र के 1612 लड़कों को बरामद किया गया था, जबकि लड़कियों के लिए यह संख्या मात्र 150 रही. वहीं, 18 वर्ष से अधिक उम्र के मामलों में यह आंकड़ा बिल्कुल उलट है.
इस अवधि में मात्र 22 पुरुषों को विभिन्न जगहों से बरामद किये गये, जबकि इस समयावधि में महिलाओं के बरामद होने की संख्या मात्र 219 रही है.
ह्यूमैन ट्रैफिकिंग के मामले में पुरुष अधिक संलिप्त रहे हैं. इस संबंध में छह वर्ष के बीच लगभग 1200 को गिरफ्तार किया गया है. इसमें पुरुषों की संख्या अधिक है.
इस अवधि में 945 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि मानव तस्करी में संलिप्त 252 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है.
Posted by Ashish Jha