जूही स्मिता, पटना. बिहार में स्टार्टअप की शुरुआत वाले लोग काफी कम है. स्टार्टअप और एन्टरप्रिन्योरशिप को लेकर गाइडेंस नहीं मिलने व निवेश का प्लेटफॉर्म नहीं होने से लोग जोखिम नहीं उठा पाते.
अपने राज्य में स्टार्टअप के लिए तो ट्रेनिंग मिल जाती है, लेकिन पैसे लगाने वाले निवेशक यानी कि इनवेस्टर्स नहीं मिलते हैं. ऐसे में पटना की रहने वाली अनुभा प्रसाद ने अपने तीन पार्टनर दिव्यांशु वर्मा (मुंगेर), राम कुमार (मुजफ्फरपुर) और क्षितिज आनंद (सहरसा) के साथ मिलकर ‘करे के बा’ वेंचर्स की शुरुआत की है.
इस वेंचर का मकसद बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में स्टार्टअप की एक मजबूत पाइपलाइन तैयार करते हुए दूरगामी सोशल इंपैक्ट और लोकल रोजगार का सृजन करना है. अभी तक ‘करे के बा’ की ओर से क्यूरेटेड स्टार्टअप्स में 11 स्टार्टअप शामिल हो चुके हैं, जिन्हें मुफ्त में मेंटरिंग के साथ क्यूरेट किया जा रहा है.
इनसे फिलहाल 500 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा. भविष्य में और भी स्टार्टअप्स के जुड़ने की संभावना है. सोशल एंटरप्रिन्योर रंजन मिस्त्री बताते हैं कि हमारे यहां स्टार्टअप की ट्रेनिंग आसानी से मिलती है, लेकिन इनवेस्टर्स नहीं मिलते हैं.
दो महीने पहले शुरू हुए इस वेंचर में हम अभी 11 स्टार्टअप को क्यूरेट और मेंटर किया जा रहा है. अब स्टार्टअप में निवेश के लिए पिंचिंग होगी.
मेंटरिंग के दौरान सबसे पहले स्टार्टअप्स की स्क्रीनिंग की जाती है और कठिन चयन प्रक्रिया के बाद वन-ऑन-वन मेंटरिंग सेशन वर्चुअली दिया जाता है, जिसमें प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों जैसे आइआइटी, एमआइटी, कोलम्बिया यूनिवर्सिटी आदि से जुड़े लोग और अनुभवी स्टार्टअप फाउंडर सेशन देते हैं.
हमारी पूरी कोशिश है कि इस वेंचर में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप की हैंड-होल्डिंग हो और बिहार में एन्टरप्रिन्योरशिप का एक बेहतरीन इकोसिस्टम तैयार हो सके.
अनुभा बताती है कि जब वे बिहार के बाहर जॉब करने गयीं तो उन्हें यह बात बहुत खलती थी कि बिहार की छवि अच्छी नहीं है. हमने यह निर्णय लिया कि बिहार में स्टार्टअप इको-सिस्टम को मजबूत करने का काम करना होगा. हमने पाया कि बिहार के स्टार्टअप्स में प्रतिभा की नहीं, बल्कि मार्गदर्शन की कमी है.
फंड रेज करने के लिए भी कोई प्लेटफॉर्म नहीं हैं. हमने इनवेस्टर्स का ग्रुप बनाना शुरू किया जो बिहार में निवेश करने के लिए ऐसे ही किसी सक्षम प्लेटफॉर्म से जुड़ना चाहते थे. अभी हमारे पास करीब 50 इनवेस्टर्स हैं.
Posted by Ashish Jha