मुजफ्फरपुर के रौतनिया डंपिंग साइट की सूरत बदलने वाली है. डंपिंग साइट के आसपास के जो खाली जमीन है, उसमें पेड़-पौधे लगा हरा-भरा किया जायेगा. चहारदीवारी की ऊंचाई बढ़ेगी. चारों तरफ लाइट के साथ पानी की व्यवस्था होगी, ताकि अगलगी आदि की घटना होती है, तब आसानी से पानी का छिड़काव कर इस पर काबू पाया जा सके. शनिवार को महापौर निर्मला साहू व उप महापौर डॉ मोनालिसा ने नगर निगम की टीम के साथ डंपिंग साइट का दौरा किया. इस मौके पर दर्जन भर से अधिकार पार्षद भी मौजूद थे.
मेयर ने डंपिंग साइट के चारों तरफ निगम की जमीन देखी. इसके बाद जिस प्वाइंट पर कूड़ा को डंप किया जाता है, उसकी चहारदीवारी को ऊंचा करने का निर्देश दिया. साथ ही चारों ओर पाइपलाइन बिछा पानी का कनेक्शन भी जोड़ने को कहा है. मेयर व उप मेयर के निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से पार्षद राजीव कुमार पंकू, अमित रंजन, अभिमन्यु चौहान, अजय कुमार ओझा, ऐनामुल हक, कन्हैया कुमार, मो सज्जाद, मो मनौवर हुसैन, जफिर फरियादी, सिटी मैनेजर विष्णु लाल प्रभाकर आदि मौजूद थे.
मेयर ने डंपिंग साइट के हर पॉइंट पर गेट लगाने का आदेश दिया. सुरक्षा को लेकर भी कर्मियों की तैनाती करने को कहा है. इसके अलावा मेयर ने डंपिंग साइट व इसके आसपास के हालात को कैसे बेहतर किया जाये, इन बिंदुओं पर भी अधिकारियों को प्लान तैयार करने को कहा है. हालांकि, मेयर के निरीक्षण के वक्त निगम के एक भी इंजीनियर मौजूद नहीं थे. इस पर अपर नगर आयुक्त नंद किशोर चौधरी ने इंजीनियर पर कार्रवाई करते हुए एक दिन का वेतन रोकने का भी आदेश दिया है.
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डंपिंग साइट पर पड़ा है 1.86 लाख टन कूड़ा
रौतनिया डंपिंग साइट पर 1.86 लाख टन कूड़ा पड़ा हुआ है. इसके निस्तारण के लिए नगर निगम एजेंसी की तलाश में है. बोर्ड में लिये गये निर्णय के बाद बायोरेमेडिएशन तकनीक से कूड़े का पहाड़ को खत्म करने की योजना है. नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, अगले महीने में एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी.