23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में कालेजों में प्रिंसिपल और प्रोफेसर नियुक्ति के लिए परिनियम तैयार, जानें भर्ती के लिए क्या होगा जरूरी

राजभवन की मंजूरी के बाद नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को भेजी जायेगी. परिनियम में प्राचार्यों की नियुक्ति पांच साल के लिए प्रस्तावित की गयी है.

राजदेव पांडेय, पटना. बिहार के विश्वविद्यालयों व अंगीभूत कॉलेजों में प्राचार्य, प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने परिनियम बना लिया है. परिनियम को राजभवन की मंजूरी के लिए अब भेजा जायेगा. इसकी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं. बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद की राय के बाद राजभवन इस परिनियम पर मुहर लगायेगा. तीनों पदों पर नियुक्तियां यूजीसी के नियम के मुताबिक होगी. हालांकि बनाये गये परिनियम में शिक्षा विभाग ने राज्य की जरूरत के हिसाब से जरूरी प्रावधान भी किये हैं. खासतौर पर इंटरव्यू, अनुभव और रिसर्च पेपर के अंकों के फार्मूले को सख्त और पारदर्शी बनाया गया है.

पांच साल के लिए बढ़ाया जा सकता है कार्यकाल

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राजभवन की मंजूरी के बाद नियुक्ति के लिए अधियाचना बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग को भेजी जायेगी. परिनियम में प्राचार्यों की नियुक्ति पांच साल के लिए प्रस्तावित की गयी है. अगर सरकार की उच्चस्तरीय समिति अनुशंसा करती है. तो उनका कार्यकाल पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.

नियुक्ति के लिए अनुभव के दो क्राइटेरिया प्रस्तावित

प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए अनुभव के दो क्राइटेरिया प्रस्तावित किये गये हैं. केवल स्नातक कक्षाएं लेने वाले सहायक अध्यापक अनुभव 15 साल और स्नातकोत्तर कक्षाएं लेने वाले सहायक प्राध्यापक का न्यूनतम पढ़ाने का अनुभव 12 साल रखा गया है. सूत्र बताते हैं कि इंटरव्यू के मार्क्स भी नियंत्रित किये गये हैं, जबकि यूजीसी का नियम है कि शतप्रतिशत अंक इंटरव्यू के होने चाहिए.

एसोसिएट प्रोफेसर के लिए सहायक प्राध्यापक का सेवाकाल तीन साल जरूरी

एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर्स की नियुक्ति के लिए यूजीसी के प्रावधान और कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के प्रावधानों का पालन किया जायेगा. राजभवन से जुलाई 2022 में मंजूर कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत एसोसिएट प्रोफेसर बनने के लिए किसी भी सहायक प्राध्यापक का सेवाकाल तीन साल जरूरी होगा. इसके अलावा संबंधित विषय व एलाइड विषय में पीएचडी होना चाहिए. कम से कम सात रिसर्च ( पीयर रिव्यूड) पेपर और यूजीसी लिस्टेड जर्नल में तीन रिसर्च पेपर भी प्रकाशित होने चाहिए. कम से कम एक पीएचडी शोधार्थी को गाइड किया हो.

Also Read: NEP: बुनकर, कारीगर, गायक, नर्तक व बढ़ई भी अब बनेंगे प्रोफेसर, शोध व कौशल विकास में करेंगे स्टूडेंट्स को निपुण
प्रोफेसर पद के लिए तीन साल की एसोसिएट प्रोफेसर की सेवा जरूरी

प्रोफेसर पद के लिए वे पात्र माने जायेंगे जो कम से कम तीन साल एसाेसिएट प्रोफेसर के रूप में पढ़ा चुके हों. पीएचडी होना चाहिये. कम से कम दस पेपर ( पीयर रिव्यूड) और यूजीसी से संबंधित जर्नल में कम से तीन रिसर्च पेपर प्रकाशित होने चाहिए. हालांकि तैयार परिनियम में राजभवन और बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद जरूरी संशोधन कर सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें