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बिहटा में अवैध बालू खनन करने के दौरान अरार धंसा, दर्जन भर मजदूर दबे, एक मजदूर की मौत

Bihar News: बिहटा में अवैध बालू खनन करने के दौरान अरार धसने से कई मजदूर दब गये है. मृतक मजदूर की पहचान मनेर थाना क्षेत्र के धजवा टोला गांव निवासी स्व शिवपूजन राय का पुत्र रामकुमार के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार जिस जगह यह हादसा हुआ है, वहां पहुंचने के लिए एकमात्र उपाय नाव ही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2022 2:08 PM

बिहार की राजधानी पटना और भोजपुर सीमा के पास बिहटा से बड़ी खबर सामने आ रही है. बिहटा थाना क्षेत्र के सुरोंधा बालू घाट पर अवैध बालू खनन करने के दौरान अरार धंसने से आधा दर्जन मजदूर दब गये. जिसमें एक मजदूर की मौके पर मौत हो गयी है. जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल है. घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने दबे सभी मजदूरों को बाहर निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया. मृतक मजदूर की पहचान मनेर थाना क्षेत्र के धजवा टोला गांव निवासी स्व शिवपूजन राय का पुत्र रामकुमार के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार जिस जगह यह हादसा हुआ है, वहां पहुंचने के लिए एकमात्र उपाय नाव ही है.

घटना से स्थानीय पुलिस कर रही इंकार

बिहटा, मनेर छपरा समेत अन्य जगहों के कुछ मजदूर नाव लेकर अवैध बालू खनन करने गए थे. इसी दौरान सुरौंधा के समीप बालू लदाई के क्रम में अरार धंस गया. उसमें कई मजदूर दब गए. मौजूद मजदूरों की मदद से उनमें से छह को निकाला गया. लेकिन, एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि जेसीबी पोकलेन मशीन से बालू की खोदाई के कारण बड़ा अरार बन जाता है. नाविक अरार के बीच से ही नाव सटा कर बालू लादते हैं, ताकि जल्‍द बालू लाद कर भागा जा सके. दूसरा खेत वालों एवं दबंगों को रंगदारी नहीं देना पड़े. इस मामले में स्थानीय पुलिस कुछ भी बताने से इंकार कर रही है.

भोजपुर में बालू का अवैध खनन जारी

भोजपुर में बालू का अवैध खनन जारी है. अवैध बालू की बिक्री आरा, बक्सर छपरा समेत अन्य जगहों पर की जा रही है. जिला प्रशासन इसके खिलाफ लगातार अभियान चला रहे है. फिरहाल जिले में बालू माफिया सक्रिय हैं. खुलेआम बालू का अवैध कारोबार चल रहा है. बालू का अवैध खनन करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो है. हालांकि इस वीडियो की पुष्टि प्रभात खबर नहीं करता है. लेकिन इस वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि ट्रैक्टरों पर भर-भर के बालू ले जाया जा रहा है. वो भी एक या दो नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर इस काम में दिन-रात लगे हुए हैं.

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