22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Araria BJP MP बने केवट, थाम ली पतवार, फिर जानें ऐसा क्या हुआ कि वीडियो होने लगा वायरल

Araria News 25 वर्षों पूर्व जब कोई BJP MP से उनके गांव का नाम पूछता था तो वे सहज भाव में बोल देते थे, खोलो धरिया, उतरो पार, यह है भाई मेरा कौआचाड़....

बीजेपी सांसद से 25 वर्षों पूर्व जब कोई उनके गांव का नाम पूछता था तो वे सहज भाव में बोल देते थे, खोलो धरिया, उतरो पार, यह है भाई मेरा कौआचाड़….हालांकि इस स्थिति से मुक्ति दिलाने के लिए कसम खाकर राजनीति में आने वाले प्रदीप कुमार सिंह ने गांव में न केवल पुल-पुलियों का जाल बिछा दिया, बल्कि जिले के विभिन्न हिस्सों से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल सा बिछा दिया. यही नहीं आने वाले समय में कौआचाड़ के ग्रामीण रेलवे का सफर भी करेंगे, इस पर भी काम चालू है. लेकिन, अभी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां बारिश के कारण पानी भर जाता है. वहां जाने के लिए आज भी लोगों को बरसात में नाव का ही सहारा लेना पड़ता है. ऐसा ही कुछ शनिवार को भी हुआ.

दरअसल, शनिवार को पलासी प्रखंड के छपनिया गांव के महादलित दंपती की सड़क दुर्घटना में हुई मौत की सूचना पर पीड़ित परिजनों को सांत्वना देने स्थानीय सांसद के उनके घर जाना था. वहां जाने के लिए जब वे तट पर पहुंचे तो नाविक घर गया हुआ था, उसे आने में विलंब हुई तो पीड़ित परिजनों से मिलने की जल्दी खुद उन्होंने नाव खेवने के लिए नदी में उतर गए. वे कहते हैं कि यह कुछ मेरे लिए मुश्किल नहीं था. हां बहुत दिनों के बाद यह मौका मिला था. पीड़ितों की मदद के लिए जनता ने सांसद बनाया है, तो उनके लिए नदी तैर कर जाना पड़े या नाव चला जाऊंगा तो जरूर.

अररिया जिले के फारबिसगंज प्रखंड के कौआचाड़ निवासी राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित रामलाल सिंह ‘स्नेही’ के पुत्र सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने गरीबी को बड़े ही नजदीकी से देखा है. बाढ़ की मार झेलने वाले कौआचाड़ग गांव के लोग आज से 20-25 वर्ष पहले की सोचते हैं तो उनकी रुह कांप जाती है. क्योंकि साल का 06 माह कौआचाड़ गांव जिले से बिल्कुल ही कट जाता था. इस बीच अगर किसी की तबीयत नासाज हुई तो नाव ही सहारा था. ऐसे में कौआचाड़ में उस वक्त की आबादी के अधिकांश ग्रामीण नाव को खेवने में महारथी माने जाते थे. उसी गांव के निवासी अररिया के वर्तमान सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने अपनी इस कला को आज भी जीवित रखा, इसका जाता प्रमाण बकरा नदी पर अवस्थित पिपरा बिजवाड़ घाट पर देखने को मिला, जहां नाविक के आने में हुए विलंब के बाद सांसद ने खुद नाव की पतवार अपने हाथ में थाम ली. यही नहीं नाव को खेवते हुए नदी पार भी कर लिया. इसका वीडियाे बड़ी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

20-20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता

पति-पत्नी निर्मल ऋषिदेव व रनिया देवी की मौत हो जाने पर दुख व्यक्त करते हुए सांसद ने हर संभव सरकारी मदद दिलाने का आश्वासन दिया. उन्होंने पांच-पांच लाख रुपये के साथ पारिवारिक लाभ का 20-20 हजार रुपये, खाद्य सुरक्षा योजना से एक-एक लाख रुपये, जॉब कार्ड से 70 हजार के लाभ दिलाने का आश्वासन दिलाया. उसके बाद सांसद ने अपने तरफ से पीड़ित परिवार को बीस हजार रुपये की सहयोग राशि भी दी. इस क्रम में स्थानीय समाज सेवी बाबुआराम सरदार ने पिपरा बिजवाड पंचायत की भौगोलिक स्थिति व परेशानी से सांसद को अवगत कराया. बकरा व रतवा नदी के पिपरा बिजवाड घाट व रतवा नदी के छपनिया घाट सहित बकरा नदी मरियाधार सहित इन तीनों स्थानों पर पुल निर्माण की मांग की. इस बात पर सांसद ने कहा कि बहुत जल्द ही आपकी मांग पुरी कर दी जायेंगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें