बिहार का बालू राजस्व घोटाला: SP साहेब के वेतन भुगतान पर लगी रोक, जानिए अदालत ने क्यों लिया कड़ा फैसला..
बिहार के नवादा जिले के बालू राजस्व घोटाला में अदालत ने कड़ी कार्रवाई की है. अररिया के वर्तमान एसपी का वेतन रोक दिया गया है. तत्कालीन रजौली अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह समेत कई अन्य अधिकारियों का वेतन भुगतान रोक दिया है.
बिहार के नवादा जिले के चर्चित बालू राजस्व घोटाला कांड को लेकर अदालत में सुनवाई तेज हो गयी है. करोड़ों के राजस्व घोटाले में अदालत का चौंकाने वाला फैसला आया है. इसमें घटना के तत्कालीन रजौली अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह व तत्कालीन भूमि सुधार उपसमाहर्ता रामजी पांडेय समेत कई के वेतन पर रोक लगा दी गयी. अशोक कुमार सिंह वर्तमान में अररिया जिले के एसपी हैं. एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी धीरेंद्र कुमार पांडेय ने बालू राजस्व घोटाला कांड के सरकारी गवाहों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. आदेश की प्रति डीएम व एसपी को भेजी गयी है.
बालू राजस्व घोटाला कांड में अदालत की सख्ती
जानकारी के अनुसार, बालू राजस्व घोटाला कांड से संबंधित नगर थाना कांड संख्या- 208/2006 का स्पीडी ट्रायल हो रहा है. लेकिन, कांड के सरकारी गवाह अपनी गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. इस कारण वाद के निष्पादान में विलंब हो रहा है. न्यायालय की ओर से गवाहों को कई बार सम्मन भी भेजा गया है. इसके अलावा 18 मई 2022 को पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर उन सरकारी गवाहों को न्यायालय में उपस्थित कराने का भी निर्देश दिया गया है. इसके बावजूद अबतक कांड के सरकारी गवाह न्यायालय में गवाही को लेकर उपस्थित नहीं हुए. जिसके बाद अदालत ने कांड के सरकारी गवाहों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है.
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अररिया एसपी समेत इनका वेतन भुगतान रोका गया
जिनके वेतन पर रोक लगी है उनमें तत्कालीन आंकड़ा बैंक विकास भवन पटना के उपनिदेशक जय प्रकाश सिंह, रजौली के अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार सिंह, नवादा के भूमि सुधार उपसमाहर्ता रामजी पांडेय, नगर थानाध्यक्ष राम निहोरा ठाकुर, बुंदेलखंड थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, नगर थाना के ब्रजेश कुमार मिश्र, नालंदा जिला के अस्थावां थाना क्षेत्र के मालती गांव निवासी व्यास पासवान तथा पटना जिला अंतर्गत पालीगंज थाना क्षेत्र कोजरा गांव निवासी श्यामनारायण सिंह शामिल हैं. इन सबों के सरकारी वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
जानिए क्या है नवादा का बालू राजस्व घोटाला मामला..
वेतन भुगतान रोकने की जिम्मेदारी नवादा के जिला पदाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को दी गयी है. इस संबंध में अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी ने बताया कि गवाहों की उपस्थिति के लिए अभियोजन कार्यालय की ओर से कई बार नोटिस भेजा जा चका है. गौरतलब हो कि इस कांड के गवाह भूमि सुधार उपसमाहर्ता रामजी पांडेय और राम निहोरा ठाकुर सहित कई सेवानिवृत हो चुके हैं.बताया जाता है कि वर्ष 2004/05 में बालू घाट नीलामी के संबंध में 20-20 लाख का दो चालान एवं 28 लाख का एक चलान, कुल 68 लाख का चालान जाली पाया गया था. इस कांड के अतिरिक्त भी बालू राजस्व घोटाला से संबंधित दो मामले नगर थाना कांड संख्या 209/06 और 227/06 न्यायालय में लंबित हैं.आठ अप्रैल 2022 को उपरोक्त मामलों में ट्रायल शुरू हुआ था. माना जा रहा था कि 5-6 महीने में कोर्ट का फैसला आ जायेगा. लेकिन, गवाहों के उपस्थित नहीं होने से फैसला आने में लगातार देरी हो रही है. इसको लेकर अदालत ने सरकारी गवाहों के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है.
केस डायरी के अभाव में जमानत आवेदन पत्रों की सुनवाई में हो रही देरी
अररिया जिले के सभी थानों में प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी द्वारा केस डायरी समय पर नहीं भेजने के कारण लगभग 50 से अधिक जमानत आवेदन पत्रों की सुनवाई लंबित है. बताया जाता है कि इस संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने एसपी को पत्र भेजते हुए अविलंब कार्रवाई कर समय पर केस डायरी न्यायालय में समर्पित कराने की बात लिखी है. इस संबंध में जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद प्रसाद ने बताया कि जिले के सभी थाना के पुलिस पदाधिकारी के घोर लापरवाही के कारण जिला न्यायाधीश सहित अन्य न्यायालयों के पदाधिकारियों को जमानत पत्रों के निष्पादन में परेशानी हो रही है. बताया गया कि जिला न्यायाधीश सहित अन्य न्यायालयों में जो जमानत आवेदन पत्र दाखिल होता है. उसमें निष्पादन के लिए केस डायरी की मांग की जाती है. इसके लिए न्यायालय द्वारा पर्याप्त समय भी दिया जाता है. बावजूद समय सीमा के भीतर केस डायरी संबंधित थाना के पुलिस पदाधिकारी द्वारा नहीं भेजा जाता है. जिसके कारण दाखिल जमानत आवेदन पत्रों की सुनवाई समय पर नहीं हो पाती है.