अररिया. व्यवहार न्यायालय अररिया के एडीजे-06 सह पॉक्सो एक्ट के स्पेशल जज अजय कुमार की अदालत ने मैट्रिक पास 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा को शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण करते हुए गर्भवती करने, बाद में पंचायती के सहारे गर्भपात कराने की घटना प्रमाणित होने पर जिले के महलगांव थाना क्षेत्र के पेचैली गांव वार्ड 12 के रहनेवाला 26 वर्षीय दीपक कुमार विश्वास पिता बीरेंद्र विश्वास को 10 साल कैद की सजा सुनायी गयी. आरोपित को कारावास की सजा के अलावा 20 हजार रुपये आर्थिक दंड भी लगाया गया है. वहीं आर्थिक दंड की राशि नहीं देने पर अलग से एक माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने का आदेश जारी किया गया है. इसके अलावा विक्टिम कंपनसेशन फंड के तहत डीएलएसए को पीड़िता को पांच लाख रुपये देने की भी बात कही गयी है. यह सजा स्पेशल (पॉक्सो) 69/2019 में सुनायी गयी है. सरकार की ओर से पोक्सो एक्ट के स्पेशल पीपी श्यामलाल यादव ने बताया कि घटना 18 दिसंबर 2019 से पूर्व इस वाद की सुचिका सह पीड़िता जिसकी उम्र 15 वर्ष थी के साथ जबरदस्ती शादी का प्रलोभन देकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था. इस मामले में कुल पांच अभियुक्तों के विरुद्ध अररिया (महिला) थाना कांड संख्या 176/2019 दर्ज की गयी थी. जिसमें सभी गवाहों ने दुष्कर्म होने को लेकर अपनी गवाही दी. गवाहों के बयान से संतुष्ट होकर न्यायाधीश श्री कुमार ने दीपक कुमार विश्वास को दोषी पाया. वहीं साक्ष्य के अभाव में शेष बचे चार लोग क्रमश वीरेंद्र विश्वास, प्रभा देवी, प्रहलाद विश्वास व प्रकाश विश्वास को रिहा कर दिया. सजा के बिंदु पर बचाव पक्ष से अधिवक्ता वीरेंद्र नाथ झा ने कम से कम सजा देने की गुहार लगायी थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है