न महिला थानाध्यक्ष संसाधन भी नहीं
महिला थाना. छह वर्षों में 309 कांड हुए दर्ज महिलाएं दहेज, घरेलू हिंसा, शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण को लेकर महिला थाना पहुंचने लगी. लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा कि महिला थाना में थानाध्यक्ष महिला नहीं है. संसाधन के नाम पर एक खटारा जीप है. अररिया : महिलाओं की सुरक्षा व उसे इंसाफ मिले, कोई […]
महिला थाना. छह वर्षों में 309 कांड हुए दर्ज
महिलाएं दहेज, घरेलू हिंसा, शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण को लेकर महिला थाना पहुंचने लगी. लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा कि महिला थाना में थानाध्यक्ष महिला नहीं है. संसाधन के नाम पर एक खटारा जीप है.
अररिया : महिलाओं की सुरक्षा व उसे इंसाफ मिले, कोई परेशानी न हो. इसी अवधारणा पर प्रत्येक जिलों में महिला थाना खोला गया. वर्ष 2012 के नवंबर माह में इस जिले में भी महिला थाना खुला. महिलाएं अपनी परेशानी को लेकर महिला थाना पहुंचने लगी. कांड दर्ज होने लगा. दहेज, घरेलु हिंसा, शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण को लेकर कांड अंकित होने लगा. महिलाओं में भरोसा जगा कि अब हमारे दर्द को समझने-जानने के लिए किसी पुरुष का सहारा नहीं लेना पड़ेगा.
लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जायेगा कि महिला थाना में थानाध्यक्ष महिला नहीं है. महिला थाना खुलने के छठे वर्ष में मात्र दो महिला दारोगा ने बतौर थानाध्यक्ष काम किया है. महिलाओं से संबंधित मामले औसतन 50 से 60 प्रतिशत ही अंकित होता है. जबकि छोटी-छोटी बातों से जुड़े मामले का निष्पादन पुलिस परामर्श केंद्र के सदस्यों द्वारा किया जाता है. महिला थाना में दर्ज कांडों के आंकड़ों पर गौर करें तो सर्वाधिक कांड वर्ष 2016 में दर्ज किया गया. इसमें सर्वाधिक मामले दहेज उत्पीड़न व घरेलू हिंसा से जुड़े मामले सामने आये.
उपलब्ध संसाधन : एक पुरानी खटारा जीप से महिला थाना में काम चलता है. जबकि पूरे जिला के अमूमन सभी थाना क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए अनुसंधानकर्ता को जाना पड़ता है. ऐसे में अनुसंधान व कार्रवाई का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. इस बाबत महिला थानाध्यक्ष पुलिस निरीक्षक पीके प्रवीण ने बताया कि महिला थाना में अधिकांश मामले दहेज उत्पीड़न, प्रताड़ना व यौन शोषण के साथ पति-पत्नी के बीच विवादों से जुड़े मामले आते हैं. कुछ मामले को सुलझाने व समझौता कराने के ले आवेदन को पुलिस परिवार परामर्श केंद्र को भेजा जाता है. जिसके सदस्यों के सकारात्मक पहल का बेहतर नतीजा भी सामने आता है. प्राप्त संसाधनों से अनुसंधान व अन्य वैधानिक कार्रवाई की जाती है. गंभीर मामलों को लेकर पुलिस त्वरित कार्रवाई करने को तैयार रहती है.
वर्ष वार दर्ज आंकड़े
वर्ष दर्ज कांड
2012 03
2013 43
2014 54
2015 56
2016 119
2017 34 कांड अंकित
थाना में कार्यरत कर्मी
थानाध्यक्ष पीके प्रवीण
पुअनि- उपेंद्र प्रसाद सिंह
पुअनि- सीमा कुमारी
सअनि-सविता गुप्ता, सीमा कुमारी
महिला सिपाही -नमिता कुमारी, उपासनी कुमारी
पुरुष सिपाही- वीर बहादुर सिंह
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र
महिला थाना परिसर में ही 26 जनवरी 2015 से पुलिस परामर्श केंद्र कार्यरत है. महिला थानाध्यक्ष द्वारा पड़े आवेदनों को इस केंद्र को भेजा जाता है. अमूमन छोटे-छोटे मामलों को यहां भेजा जाता है. जानकारी अनुसार अबतक 300 मामलों को इस केंद्र द्वारा सुलझाया गया. टूटते परिवार को बचाया गया.