दो दिनों में दो दर्जन शिकायतें

असर. इओ की फटकार के बाद टैक्स कलेक्टर दे रहे जानकारी अवैध भवन निर्माण के विरुद्ध इओ ने टैक्स कलेक्टरों को सख्त दिया था. आदेश का असर दिखने लगा है. इस बारे में प्रभात खबर ने खबर प्रकाशित की थी. अररिया : नगर परिषद क्षेत्र में अवैध भवन निर्माण के विरुद्ध नप इओ द्वारा टैक्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2017 12:47 PM
असर. इओ की फटकार के बाद टैक्स कलेक्टर दे रहे जानकारी
अवैध भवन निर्माण के विरुद्ध इओ ने टैक्स कलेक्टरों को सख्त दिया था. आदेश का असर दिखने लगा है. इस बारे में प्रभात खबर ने खबर प्रकाशित की थी.
अररिया : नगर परिषद क्षेत्र में अवैध भवन निर्माण के विरुद्ध नप इओ द्वारा टैक्स कलेक्टर को दिये गये सख्त निर्देश का अनुपालन कमोबेश होता नजर आ रहा है.
कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर में बेतरतीब हो रहे भवन निर्माण को लेकर कार्यपालक पदाधिकारी भवेश कुमार ने सभी टैक्स कलेक्टर व नप के अमीन को सख्त निर्देश दिया था कि वे अपने क्षेत्र में बगैर नक्शा पास कराये किये जा रहे अवैध निर्माण के विरुद्ध नप कार्यालय में रिपोर्ट समर्पित करें. आदेश का असर दिखने लगे हैं. पहले जहां कभी-कभार टैक्स कलेक्टर नप को अवैध निर्माण की जानकारी देते थे वहीं मात्र दो दिनों के अंदर टैक्स कलेक्टर द्वारा शहर में लगभग दो दर्जन अवैध निर्माण की रिपोर्ट नप कार्यालय को समर्पित किया गया है.
कार्यपालक पदाधिकारी श्री कुमार का सख्त रवैया ऐसा है कि वे प्रतिदिन टैक्स कलेक्टर से बगैर नक्शा पास कराये अवैध भवन निर्माण की वास्तविक स्थिति की जानकारी ले रहे हैं. साथ ही खुद भी शहर के विभिन्न वार्डों से जानकारी एकत्र कर रहे हैं. प्रभात खबर द्वारा चलाये गये मुहिम का ही असर है कि अवैध निर्माण के विरोध में नप के उप मुख्य पार्षद अफसाना परवीन व पूर्व उप मुख्य पार्षद गौतम साह ने भी आवज उठानी शुरू कर दी.
वैसे लोगों की माने तो नप चाहे कार्रवाई के जितने भी दावे कर ले, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात ही साबित होंगे. क्योंकि अब तक जब मात्र 1200 नक्शा ही पास हो पाया है, जबकि नप क्षेत्र में बने मकानों की संख्या 11 हजार से अधिक है.
अगर इन मकान मालिकों को नप की कार्रवाई का भय होता, तो नप क्षेत्र में अवैध भवन निर्माण का सिलसिला अनवरत जारी नहीं रहता. नप कार्यालय भूस्वामी को नोटिस थमा कर छुट्टी कर लेती है. वहीं भवन मालिकों द्वारा नप के निचले कर्मियों के पॉकेट को गरम कर अधिकारियों की नाक के नीचे भवन निर्माण की प्रक्रिया को बदस्तूर जारी रखी जाती है.

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