लापवाही. सरकारी योजना की राशि के दुरूपयोग मामले में प्रशासन सुस्त
सरकारी राशि दुरूपयोग के मामले में प्रशासन का रवैया ठीक नहीं है. तात्कालीन मुखिया को कार्य पूर्ण कराने के लिए चार माह पूर्व नोटिस भेजी गयी थी फिर भी योजनाएं अधूरी है.
अररिया : सरकारी राशि दुरूपयोग के मामले में अररिया प्रखंड प्रशासन का रवैया अचरज में डालने वाला है. राशि दुरूपयोग मामले के आरोपियों पर सख्ती के बजाय प्रशासन का नरम रवैया क्षेत्र में सरकारी राशि के लूट की घटनाओं को मजबूती दे रहा है. प्रखंड में घोटाले के कई मामले पूर्व में उजागर हो चुके हैं. एमएसडीपी, इंदिरा आवास सहित विकास योजनाओं की राशि के दुरूपयोग के कई मामले इससे पहले क्षेत्र में सुर्खियां बटोर चुके हैं.
ताजा मामला पंचायत चुनाव 2016 से पूर्व क्षेत्र के कई मुखिया द्वारा पंचायत निधि से अग्रिम राशि निकासी से जुड़ा है. मालूम हो कि चुनावी साल में तत्कालीन कई मुखिया ने योजना के अग्रिम राशि की निकासी कर ली. इसमें चुनाव दोबारा जीतने वाले मुखिया ने तो जैसे तैसे राशि का सामंजन कर लिया. लेकिन चुनाव हारने वाले मुखिया ने प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी. योजना मद से निकाली गयी राशि से पंचायत में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ. चुनाव हार जाने के बाद दोबारा राशि लौटाने की जरूरत किसी मुखिया ने महसूस भी नहीं की. ऐसे में राशि से योजना का काम पूर्ण कराना और इसकी रिकवरी दोनों ही प्रखंड प्रशासन के लिए नासूर बना हुआ है. अग्रिम राशि निकासी मामले में प्रखंड प्रशासन की नींद चुनाव संपन्न होने के एक साल बाद खुली. इसके बाद हयातपुर और अररिया बस्ती पंचायत के मुखिया को कई दफा नोटिस भेजा गया. नोटिस तामिल नहीं होता देख इसके लिए स्थानीय थाना का सहारा लेना पड़ा. मालूम हो कि अररिया बस्ती पंचायत में अग्रिम राशि के तौर पर 19. 66 लाख और हयातपुर में लगभग 16 लाख की निकासी हुई थी.
चार माह बाद भी अधूरी है योजनाएं
नोटिश भेजे जाने के चार माह बाद भी उक्त दोनों पंचायत में योजनाओं की स्थिति यथावत बनी हुई है. अररिया बस्ती पंचायत के वर्तमान मुखिया मो खालिद के मुताबिक अपूर्ण योजनाओं की शिकायत समय-समय पर प्रशासन से की जाती है. लेकिन इसका कोई असर अब तक नहीं दिखता है. नोटिस भेजे जाने के चार माह बाद भी अधूरी योजना पर ना तो कोई काम हो सका और न ही राशि रिकवर कराने के लिए ठोस कदम उठाया गया.
अग्रिम राशि के समायोजन को ले भेजी गयी थी नोटिस
प्रखंड प्रशासन द्वारा 22 मार्च 2017 को अररिया बस्ती पंचायत के तात्कालीन मुखिया को स्थानीय थाना के माध्यम से नोटिस भेजा गया. पंचायत में 14 वीं वित्त, बीआरजीएफ, 13 वीं वित्त, उच्च प्राथमिकता और अन्य योजना के नाम पर निकाले गये 19 लाख 66 हजार 500 के समायोजन को लेकर भेजे गये नोटिस में मुखिया को कड़ी चेतावनी दी गयी थी. तीन दिनों के अंदर राशि का समायोजन नहीं होने पर तत्कालीन मुखिया, संवेदक माधोपाड़ा प्राथमिक विद्यालय के प्राचार्य विनोद मालाकार और पंचायत सचिव के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गयी थी. ऐसा ही एक सख्त नोटिस हयातपुर के तत्कालीन मुखिया को भी प्रखंड प्रशासन द्वारा भेजा गया.