नशा के सौदागर कर रहे युवाओं के भविष्य को बरबाद
कांड दर्ज होने के बाद कई अभियुक्त हैं फरार पुलिस कर रही अनुसंधान, उठने लगे हैं सवाल अररिया : शराब मुक्त व नशामुक्त बिहार बनाने का वह सपना व संकल्प आज भी अधूरा नजर आता है. नशा के सौदागर नयी पीढ़ी, जो देश का भविष्य कहलाता है. उसे अपने निशाने पर ले रखा है. शराब […]
कांड दर्ज होने के बाद कई अभियुक्त हैं फरार
पुलिस कर रही अनुसंधान, उठने लगे हैं सवाल
अररिया : शराब मुक्त व नशामुक्त बिहार बनाने का वह सपना व संकल्प आज भी अधूरा नजर आता है. नशा के सौदागर नयी पीढ़ी, जो देश का भविष्य कहलाता है. उसे अपने निशाने पर ले रखा है. शराब के साथ-साथ कोडिन पीकर मदमस्त रहने वाले को आखिर कोडिनयुक्त कफ सिरफ की खाली बोतलों को देख एहसास हो जाता है कि कोडिनयुक्त कफ सिरफ के कारोबारी अपने धंधे को अंजाम दे रहे हैं. आखिर उस पर विराम कैसे लगे. जब कानून के पहरेदार ही जमानत करा लेने तक उसे न तो खोज पाती है और न ही उसे गिरफ्तार कर पाती है. तब मन में लोगों को कुलबुलाहट होने लगती है कि क्या कानून सिर्फ उन गरीबों के लिए है.
जो अपने चूल्हा जलाने के लिए नशा के सौदागरों के संपर्क में आ कर गुनाह कर बैठती है. कई महिला भी कोडिनयुक्त कफ सिरफ बेचने के आरोप में जेल जा चुकी है. हाल के दिनों में शहर के एक नामचीन दवाई ऐजेंसी का एक गोदाम में रखा तीन हजार से अधिक कोडिनयुक्त कफ सिरफ की बोतल जब्त किया गया. जब्ती में वरीय पदाधिकारी शामिल थे. थाना में कांड अंकित हुआ. नामजद अभियुक्तों को पुलिस अब तक न तो खोज पायी औ न ही कोई ऐसा अग्रतर कार्रवाई की गयी. जिससे नशा के बड़े व रसूखदार सौदागरों को कानून का एहसास होता होता. पुलिस अनुसंधान में अररिया से पटना तक गयी. लेकिन दो माह बाद भी एक भी नशा का सौदागर पुलिस पकड़ में नहीं आ पाया. इसी तरह अररिया बैरगाछी चौक स्थित एक दवा दुकानदार के आवास से हजारों बोतल कोडिनयुक्त कफ सिरफ बरामद किया गया. कारोबारी फरार हो गया. कांड दर्ज भह हुए. लेकिन ऐसे लोग अब भी कानून के पकड़ से बाहर है.
क्या अररिया पुलिस जमानत लेने तक इन बड़े व रसूखदार नशा के सौदागरों पर हाथ नहीं डालेगी. हालांकि कांड के अनुसंधानकर्ता कहते हैं कि नामजद अभियुक्त नेपाल में शरण ले रखा है. पुलिस शिथिल नहीं है. पल-पल की जानकारी लेने में पुलिस जुटी है. कानून के हाथ लंबे होते हैं. प्रयास है कि जल्द उसे छिपे मांद से बाहर निकलने पर मजबूर किया जाये. बहरहाल नशा के सौदागर कोडिनयुक्त कफ सिरफ का कारोबार कर एक नस्ल को बर्बाद करने पर आमदा है. इस कारोबार पर जब तक अंकुश नहीं लगेगा तब तक नशामुक्त बिहार का सपना खंडित ही रहेगा.