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खुशी : जोगबनी स्टेशन से शुरू हुआ ट्रेनों का परिचालन, बेतिया में भी एक माह बाद आयी ट्रेनें

जोगबनी / अररिया : बाढ़ के कारण कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर बथनाहा व जोगबनी के बीच रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण करीब एक माह से यात्री परेशान थे. हर रोज हजारों यात्रियों की बदौलत अपनी दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करनेवाले व्यवसायी भी खासे परेशान थे. सोमवार को जब सीमांचल एक्सप्रेस जोगबनी पहुंची, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2017 7:34 PM

जोगबनी / अररिया : बाढ़ के कारण कटिहार-जोगबनी रेलखंड पर बथनाहा व जोगबनी के बीच रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण करीब एक माह से यात्री परेशान थे. हर रोज हजारों यात्रियों की बदौलत अपनी दुकान चलाकर परिवार का भरण पोषण करनेवाले व्यवसायी भी खासे परेशान थे. सोमवार को जब सीमांचल एक्सप्रेस जोगबनी पहुंची, तो इन व्यवसायियों के चेहरे पर खुशी लौट आयी. जोगबनी स्टेशन रोड के दुकानदार सहित टेक्सी चालक खुशी से झूम उठे.

दिल्ली जानेवाली सीमाचंल एक्सप्रेस के जोगबनी स्टेशन पहुंचने पर खुशी का इजहार करते हुए होटल व्यवसायी कमलदेव सिंह ने कहा कि एक महीने से ट्रेनों का परिचालन बंद रहने से व्यवसाय में काफी नुकसान हो रहा था. उन्होंने कहा कि हमारा व्यवसाय ट्रेनों से आनेवाले यात्रियों पर ही निर्भर रहता है. ऐसे में ट्रेनों का परिचालन ठप रहने से होटल चलाना मुश्किल हो रहा था. ट्रेन का परिचालन शुरू होने से इनके चेहरे पर लौटी खुशी स्पष्ट दिख रही थी.

स्टेशन रोड के गणेश मिष्ठान्न भंडार के आशीष शर्मा ने बताया कि हमारी दुकानदारी का पचास प्रतिशत ट्रेनों से आनेवाले यात्रियों पर ही टिकी रहती है. ट्रेनों के परिचालन बंद होने से हमारा व्यवसाय घट कर आधा हो गया था.

टैक्सी चालक राजू मंडल ने बताया कि ट्रेनों का परिचालन बंद होने से हमारे लिए तो भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी थी. उनकी कमाई का मुख्य जरिया ट्रेनों से आनेवाले यात्रियों को नेपाल तक छोड़ना है. भारतीय क्षेत्र के अधिकतर मरीज अपनी आंखों का इलाज करने के लिए विराटनगर पहुंचते हैं. इसके अलावा नेपाल घूमनेवाले सैलानियों को भी विराटनगर जाने के लिए टैक्सी का सहारा लेना पड़ता है. ट्रेन के परिचालन बंद रहने के कारण टैक्सी चालकों की आमदनी तो घट ही गयी थी. साथ ही उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी.

ट्रेन की सीटी सुन कर सबसे ज्यादा खुश ट्रैक्सी चालक ही नजर आ रहे थे. वहीं, स्टेशन रोड में चाय की दुकान चला कर गुजारा करनेवाले नीरज राय ने बताया कि एक तो बाढ़ से घर का सारा सामान बरबाद हो गया, ऊपर से ट्रेन का परिचालन भी बंद था. इस कारण होनेवाली आय का जरिया भी बंद हो गया था. लेकिन, अब ट्रेन का परिचालन शुरू होने के बाद इइन व्यवसायियों की जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौट आयी है.

आनंद विहार व बांद्रा के लिए 30 दिन बाद चलीं ट्रेनें

बेतिया जिले में आयी प्रयलंकारी बाढ़ के कारण मुजफ्फरपुर-गोरखपुर रेलखंड पर पूरी तरह से रेल परिचालन बंद हो गया था. एक माह बाद पुन: इस रेलखंड पर रेल गाड़ियों का परिचालन मंगलवार से शुरू हो गया. मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जानेवाली सप्तक्रांति सुपर फास्ट व मुजफ्फरपुर से बांद्रा जानेवाली अवध एक्सप्रेस अपने गंतव्य स्थान की ओर प्रस्थान की. वहीं, आनंद विहार से चल कर मुजफ्फरपुर जाने वाली संप्तक्रांति भी बेतिया स्टेशन पर पहुंची. एक माह के बाद लंबी दूरी तक जानेवाली गाड़ियों के परिचालन शुरू होने से बेतिया रेलवे स्टेशन पर भारी संख्या में यात्रियों की भीड़ उमड़ी रही. आलम यह रहा कि दोनों गाड़ियों में काफी भीड़ का नजारा देखा गया. डीआरएम ने मरम्मत किये गये रेलवे लाइन का निरीक्षण भी किया.

बता दें कि 13 अगस्त को आयी बाढ़ में नरकटियागंज से हरिनगर स्टेशन के बीच रेलवे लाइन बाढ़ के पानी में बह गयी थी. पानी हटते ही रेलवे ने इस रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन की खातिर दिन-रात 400 मजदूरों को काम पर लगाया था. रेलवे लाइन मरम्मत कार्य का डीआरएम ने भी निरीक्षण किया था. इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद होने से 1 करोड़ 3 लाख के राजस्व की हानि रेलवे विभाग को हुई है.

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