हिंदी दिवस पर प्रबुद्ध लेखक संघ द्वारा समारोह का आयोजन
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राजनीतिक पहल से हिंदी बनेगी जन-जन की भाषा
हिंदी दिवस पर प्रबुद्ध लेखक संघ द्वारा समारोह का आयोजन हिंदी की दशा व दिशा पर हुई चर्चा अररिया : समारहणालय परिसर स्थित पेंशनर भवन में हिंदी दिवस के मौके पर विशेष समारोह का आयोजन किया गया. प्रबुद्ध लेखक संघ के तत्वावधान में आयोजित समारोह की अध्यक्षता साहित्यकार बसंत कुमार राय ने की. समारोह के […]
हिंदी की दशा व दिशा पर हुई चर्चा
अररिया : समारहणालय परिसर स्थित पेंशनर भवन में हिंदी दिवस के मौके पर विशेष समारोह का आयोजन किया गया. प्रबुद्ध लेखक संघ के तत्वावधान में आयोजित समारोह की अध्यक्षता साहित्यकार बसंत कुमार राय ने की. समारोह के दौरान हिंदी के उद्भव, इसके विकास के विभिन्न चरणों के साथ वर्तमान में हिंदी की दशा और दिशा पर साहित्यकारों ने अपने विचार रखे. वक्ताओं में सुशील कुमार श्रीवास्तव ने हिंदी को प्यारी और सरल भाषा बताया. अधिवक्ता मो ताहा ने कहा कि देश में धार्मिक व सांस्कृतिक एकता को बनाये रखने में हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान है. इसके अलावा अन्य वक्ताओं ने हिंदी को एक धर्म निरपेक्ष भाषा बताते हुए हिंदी को संचार का सशक्त भाषा बताया.
समारोह के समापन पर बोलते हुए बसंत कुमार राय ने कहा कि हिंदी को जन-जन की भाषा बनाने के लिए राजनीतिक व प्रशासनिक पहल की जरूरत है. हिंदी के विकास में लेखक, साहित्यकार की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने स्थानीय प्रशासन द्वारा हिंदी व हिंदी के रचनाकारों की उपेक्षा पर चिंता व्यक्त की. मौके पर डॉ प्रोफेसर उदित वर्मा, कमलेश्वरी तिवारी, ठाकुर शंकर कुमार, कार्तिक कुमार झा, आलोक कुमार मल्लिक, आनंद मोहन सिन्हा, चंदन विश्वास, मोनाजिर खान, तुफैल अहमद व अन्य मौजूद थे.
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