एक दर्जन से अधिक बीमार, परिजनों में दहशत
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डायरिया की चपेट में आये बच्चे
एक दर्जन से अधिक बीमार, परिजनों में दहशत डायरिया से बचने के लिए स्वच्छता जरूरी, चिकित्सक ने की अपील रानीगंज : क्षेत्र के बेलसरा पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या पांच महादलित टोला में एक बार फिर डायरिया फैल गया. बुधवार को अहले सुबह से ही गांव के बच्चे एक के बाद एक बीमार पड़ने लगे. देखते […]
डायरिया से बचने के लिए स्वच्छता जरूरी, चिकित्सक ने की अपील
रानीगंज : क्षेत्र के बेलसरा पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या पांच महादलित टोला में एक बार फिर डायरिया फैल गया. बुधवार को अहले सुबह से ही गांव के बच्चे एक के बाद एक बीमार पड़ने लगे. देखते ही देखते एक दर्जन से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ गये. स्थानीय जनप्रतिनिधि ने तत्परता के साथ डायरिया से पीड़ित सभी लोगों को इलाज के लिए पंचायत स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलसरा में भर्ती कराया. लेकिन मौके पर चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गंभीर रूप से बीमार सात बच्चों को रेफरल अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशहाब आलम ने सभी बच्चों का इलाज किया.
सात बच्चों को भेजा रेफरल अस्पताल
डायरिया से पीड़ित सनेही ऋषिदेव के पुत्र रंजीत कुमार, दिलखुश कुमार, दिलीप कुमार, विनोधी ऋषिदेव के पुत्र कोताय कुमार, बनारसी ऋषिदेव के पुत्र दुलारचंद कुमार, जोगेंद्र ऋषिदेव के पुत्र चंदन कुमार, घोल्टू ऋषिदेव की पुत्री केंदुला कुमारी, कैली कुमारी, सनोज ऋषिदेव के पुत्र गोलू कुमार व राजदीप ऋषिदेव की पुत्री अंजु कुमारी सहित एक दर्जन से अधिक लोगों को उल्टी व दस्त होने लगा. पंचायत स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सभी मरीज को भर्ती कराया गया,
लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए स्थानीय सरपंच कुमार शशिभूषण के सहयोग से बनारसी ऋषिदेव के आठ वर्षीय पुत्र दुलारचंद, छह वर्षीय पुत्र अनिल, घोल्टू ऋषिदेव के 10 वर्षीय पुत्री कैली कुमारी, वैसा ऋषिदेव के पांच वर्षीय पुत्र काजू कुमार, छोटू कुमार, सनेह ऋषिदेव के पुत्र सिकेंद्र कुमार व राजदीप ऋषिदेव के दो वर्षीय पुत्री अंजू कुमारी को रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां सभी बीमार बच्चों का इलाज किया गया. मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आलम ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए स्वच्छता को अपनाना होगा. भोजन व पेयजल को लेकर साफ-सफाई की विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जब तक लोगों में अपने शरीर के साथ ही आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने की जागरूकता नहीं आयेगी, तब तक इस बीमारी को पूरी तरह से नियंत्रित कर पाना सहज नहीं है. मालूम हो कि इसी गांव में 23 सितंबर को डायरिया से दो बच्चों की मौत हो गयी थी. इसके साथ ही एक दर्जन से अधिक लोग डायरिया से ग्रसित हो गये थे. बहरहाल बार-बार डायरिया के बढ़ते प्रकोप से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
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