मेडिकल वेस्ट से बिगड़ रही है सेहत

गंभीर समस्या. बिहार स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देशों का नहीं हो रहा है अनुपालन अररिया : बायो मेडिकल वेस्ट शहर की बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है. अस्पताल व निजी क्लिनिकों के वेस्ट का सही प्रकार से निराकरण होना आवश्यक है. नहीं तो यह कई प्रकार के संक्रामक रोग फैला सकते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2017 5:52 AM

गंभीर समस्या. बिहार स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के निर्देशों का नहीं हो रहा है अनुपालन

अररिया : बायो मेडिकल वेस्ट शहर की बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है. अस्पताल व निजी क्लिनिकों के वेस्ट का सही प्रकार से निराकरण होना आवश्यक है. नहीं तो यह कई प्रकार के संक्रामक रोग फैला सकते हैं. इससे अस्पताल के कर्मियों को, रोगियों को और पूरे समाज को नुकसान होता है. आज शहर के प्राइवेट नरर्सिंग होम, पैथोलैब, निजी क्लिनिक की बाढ़ सी आ गयी है. इससे अनुमानत: प्रति अस्पताल, प्रति क्लिनिक 600 ग्राम मेडिकल कूड़ा पैदा होता है.
अगर कहीं पर 100 बेड का अस्पताल है तो वहां से प्रति दिन एक से दो क्विंटल मेडिकल कचरा उत्पन्न होता है. डब्लूएचओ से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ऐसी परिस्थिति में करीब पांच से दस प्रतिशत मेडिकल वेस्ट घातक और संक्रामक होता है, जिससे लोगों को जानलेवा बीमारियों तक का सामना करना पड़ रहा है. इस गंभीर विषय पर बिहार स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बार-बार बैठकों का आयोजन कर निर्णय तो लिये जाते हैं
लेकिन निर्णय को अमली जामा नहीं पहनाया जा सकता है. 22 दिसंबर 2016 को प्रमंडलीय स्तर पर हुए एक बैठक में इससे बचाव और कार्रवाई को लेकर पूर्णिया में एक बैठक का आयोजन भी किया गया था. इस बैठक में सभी नगर निकायों से आये कार्यपालक पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गये थे.
निबंधन को रद्द करने का लिया गया था फैसला: बिहार स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा कार्यपालक पदाधिकारियों के बीच आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था. बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के अनुसार जितने भी अस्पताल, लैब, नर्सिंग होम, निजी क्लिनिक हैं वे अपने मेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर भागलपुर से अपना निबंधन करा लें. इसके बाद नप से इसके लिए अनुज्ञप्ति लेना भी सुनिश्चित करना है.
मेडिकल वेस्ट के विषाणु दे रहा है गंभीर बीमारियों को आमंत्रण
लोगों के स्वास्थ्य के प्रति नहीं सजग हो रहा है प्रशासन

Next Article

Exit mobile version