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शुरू होगी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
अररिया : केंद्र सरकार ने देश को वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त करने की योजना बनायी है. कुपोषण मुक्ति के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लांच किया गया है. योजना का क्रियान्वयन मुख्य रूप से उन जिलों में होना है, जहां कुपोषण की स्थित चिंताजनक है. केंद्र सरकार ने देश भर में ऐसे 113 जिलों […]
अररिया : केंद्र सरकार ने देश को वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त करने की योजना बनायी है. कुपोषण मुक्ति के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लांच किया गया है. योजना का क्रियान्वयन मुख्य रूप से उन जिलों में होना है, जहां कुपोषण की स्थित चिंताजनक है. केंद्र सरकार ने देश भर में ऐसे 113 जिलों को चिह्नित किया है.
चिंता की बात यह है कि कुपोषण को लेकर बिहार में जिन अति संवेदनशील पांच जिलों का चयन किया है, उनमें अररिया भी शामिल है. इसकी बड़ी वजह यह है कि तमाम प्रयासों के बावजूद स्वास्थ्य के कुछ मानकों पर जिला की स्थित बहुत कमजोर है.
जानकारी देते हुए आइसीडीएस के डीपीओ धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि कुपोषण से मुक्ति के लिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी यानी प्रसव पूर्व जांच को की पारा मीटर माना गया है.
एएनसी में जिले की स्थित बहुत खराब है. बताया गया कि टीकाकरण की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. प्रतिशत 80 के करीब पहुंच चुका है. पर संपूर्ण टीकाकरण यानी सातों जानलेवा रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण पूरा करने के मामले में जिले का औसत प्रतिशत केवल 54 है.
उन्होंने बताया कि योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की एएनसी पर पूरा ध्यान दिया जायेगा. ताकि प्रसव तक चारों निर्धारित अवधि में जांच हो सके. ऐसा हुआ तो माता के साथ साथ जन्म लेने वाला शिशु भी स्वस्थ्य रहेगा. योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को छह हजार की राशि देने के लिए भी यह शर्त रहेगी कि संपूर्ण एएनसी के साथ साथ संस्थागत प्रसव हो.
पूर्व से जन्म लेने वाले कुपोषित बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से योजना चलेगी. केंद्रों का पेय जल व शौचालय सहित अपना पक्का भवन होना जरूरी है. सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी चल रही है.
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