सुदूरवर्ती गांव के लोग विकास से कोसों दूर

जन प्रतिनिधियों को कोस रहे दिघलबैंक और टेढ़ागाछ प्रखंड के लोग राजा मुराद टेढ़ागाछ : विकास की चकाचौंध व सरकार के दावों के बीच किशनगंज जिले में विकास के यथार्थ का दर्शन ग्रामीण सड़कों से यात्रा के दौरान स्वत: हो जाता है. प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सड़क संपर्क योजना, पुल निर्माण निगम पहले से जिले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2017 8:13 AM
जन प्रतिनिधियों को कोस रहे दिघलबैंक और टेढ़ागाछ प्रखंड के लोग
राजा मुराद
टेढ़ागाछ : विकास की चकाचौंध व सरकार के दावों के बीच किशनगंज जिले में विकास के यथार्थ का दर्शन ग्रामीण सड़कों से यात्रा के दौरान स्वत: हो जाता है. प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सड़क संपर्क योजना, पुल निर्माण निगम पहले से जिले में सड़कों का जाल बना कर सरकार व विभाग अपना पीठ थपथपा रही है़
अब तो सरकार सात निश्चय योजना के तहत गली नाली पक्कीकरण योजना की युद्ध स्तर पर चल रहा है, लेकिन किशनगंज जिले के कई प्रखंड 21वीं सदी में भी चचरी पर विकास डगमगा रहा है़ टेढ़ागाछ प्रखंड में 12 और दिघलबैंक प्रखंड में कुल 16 पंचायते हैं. इसमें से अधिकांश पंचायतों के दर्जनों गांव के लोगों के आवागमन के साधन बांस बल्ले से बने चचरी पुल है़
यू तो जिले में विकास की बयार बह रही है, लेकिन दिघलबैंक और टेढ़ागाछ की हजारों आबादी के लिए चचरी पुल आवागमन का एक मात्र विकल्प दिख रहा है, जो विकास के दावे से रु-ब-रु करा रही है़ दिघलबैंक और टेढ़ागाछ के लोगों की माने तो देश आजादी के बाद विकास की चकाचौंध नेताजी के जुबानी ही मिली है जमीनी हकीकत अलग है़

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