अब बनता जा रहा है पशु तस्करी का अड्डा

पहले मवेशी हाटों के जरिये होती थी, घरेलू उपयोग के लिए मवेशियों की खरीद बिक्री, लेकिन अब यहां खुलेआम होता है पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन अररिया : जिले में कई दर्जन स्थानों पर मवेशी हाट संचालित हो रहे हैं. अकेले कुर्साकांटा प्रखंड में तीन मवेशी हाट लगते हैं. इनमें से कुआड़ी को छोड़कर बांकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 18, 2018 5:58 AM
पहले मवेशी हाटों के जरिये होती थी, घरेलू उपयोग के लिए मवेशियों की खरीद बिक्री, लेकिन अब यहां खुलेआम होता है पशु क्रूरता अधिनियम का उल्लंघन
अररिया : जिले में कई दर्जन स्थानों पर मवेशी हाट संचालित हो रहे हैं. अकेले कुर्साकांटा प्रखंड में तीन मवेशी हाट लगते हैं. इनमें से कुआड़ी को छोड़कर बांकी दो स्थानों पर निजी जमीन में हाट लगाये जाते हैं. डाढ़ा पीपर मवेशी हाट के लिए सरकार को डेढ़ लाख रुपये सालाना राजस्व मिलता है, लेकिन कुर्साकांटा में निजी स्थान पर लगाये जाने वाले मवेशी हाट से सरकार को राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है, जबकि कुआड़ी में लगने वाला मवेशी हाट का अस्तित्व डाढ़ापीपर में निजी तौर पर लगाये जाने वाले हाट के कारण समाप्त हो चुका है. वहां की बंदोबस्ती से सरकार को अच्छा खास राजस्व मिल जाता था, लेकिन हाल के वर्षों से अब इसकी बंदोबस्ती नहीं होती है.
मवेशियों से जुड़ी क्रूर परंपराओं पर प्रतिबंध लगाने के कानून का हो रहा है उल्लंघन – सरकार द्वारा वध के लिए पशु हाटों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया है. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रुरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त पशु क्रूरता निरोधक(पशुधन बाजार नियमन) 2017 लाया. लेकिन इन नियमों का अनुपालन होता नहीं दिख रहा है. वहीं नियमों के अनुपालन की जवाबदेही का निर्वहन करने वाले अधिकारी भी लगभग मौन सहमति देकर पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
इस अधिसूचना के अनुसार कोई भी व्यक्ति अवयस्क पशु की बिक्री नहीं कर सकता. किसी भी व्यक्ति को पशु बाजार में मवेशी लाने की इजाजत नहीं होगी. जब तक वहां पहुंचने वाले व्यक्ति के पास पशु मालिक द्वारा हस्ताक्षरित लिखित घोषणा पत्र नहीं हो. साथ ही पशु बाजार में खरीद फरोख्त करने वाले किसान होंगे या फिर जो कृषि भूमि के मालिक होंगे. नये नियम के अनुसार मवेशियों की बिक्री व खरीदार दोनों को अपना पहचान पत्र देना होगा. इसके बाद खरीदार को बिक्री के सबूत की प्रति विक्रेता समेत उसके जिले के स्थानीय राजस्व अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी व पशु बाजार समिति को देनी होगी. इसके अलावा एक शर्त यह भी है
कि खरीददार मवेशी को खरीदने के 06 माह के अंदर उसे बेच नहीं सकता है. नियमावली में जानवरों के स्वास्थ्य रहने के लिए चिकित्सक, रहने का स्थान, खाने-पीने, सोने व उन्हें रखने की जगह को लेकर भी निर्देश दिये गये हैं. बावजूद मवेशी की बिक्री कर पशु तस्कर इन्हें सारी रात एनएच पर पैदल अथवा वाहनों से ले जाते हैं और पुलिस प्रशासन चैन की नींद सोता रहता है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा के 50 और राज्य सीमाओं के 25 किमी दायरे में पशु हाट लगाना नियम के विरुद्ध : पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम 2017 के तहत यह अधिसूचना भी है कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 50 और राज्य सीमाओं के 25 किमी के दायरे में पशु बाजार नहीं लगाये जा सकते हैं. इस अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पशु बाजार दूसरे राज्यों के खरीदारों को आकर्षित करने के उद्देश्य से सीमाओं के आस-पास लगाया जाता है. इसका मकसद पशु तस्करी भी हो सकता है. इसलिए सीमावर्ती क्षेत्र में पशु हाट लगाया जाना नियम के विरुद्ध माना जायेगा. बावजूद सीमावर्ती क्षेत्र में मवेशी हाट नियत समेत पर लगते भी हैं और पुलिस प्रशासन की मौन सहमति रहती हैं.
खास बातें
सरकार द्वारा बंद कर दी गयी है मवेशी हाट की बंदोबस्ती, निजी रूप से चलाये जा रहे हैं मवेशी हाट
निजी हाट संचालकों द्वारा हाट के बदले दिया जा रहा है राजस्व
सीमावर्ती क्षेत्र के पांच से आठ किमी दायरे के अंतर्गत ही संचालित हैं जिले में दर्जनों मवेशी हाट, प्रशासन मौन
सीमा क्षेत्रों में मवेशी हाटों को नहीं हुई है बंदोबस्ती
अभी सरकारी स्तर पर किसी भी मवेशी हाट की बंदोबस्ती सीमावर्ती क्षेत्र में नहीं हो रही है. निजी हाट संचालकों द्वारा मवेशी हाट लगाये जा रहे हैं, जो सरकार को राजस्व दे रहे हैं.
संजय कुमार, एसडीओ

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