बिजली बिल की परेशानी ने बना दिया रोगी

-अधिक बिल के खिलाफ दो साल से शिकायतें कर थक चुका है रमजान अली अररियाः शहर के आजाद नगर निवासी रमजान अली को ये नहीं मालूम था कि विद्युत कनेक्शन लेना उसे इतना महंगा पड़ेगा कि उसकी सेहत बिगड़ जायेगी, पर हुआ यही़ पिछले दो साल की परेशानी ने उसे आखिरकार बिस्तर पकड़ा दिया है़. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 11, 2014 5:13 AM

-अधिक बिल के खिलाफ दो साल से शिकायतें कर थक चुका है रमजान अली

अररियाः शहर के आजाद नगर निवासी रमजान अली को ये नहीं मालूम था कि विद्युत कनेक्शन लेना उसे इतना महंगा पड़ेगा कि उसकी सेहत बिगड़ जायेगी, पर हुआ यही़ पिछले दो साल की परेशानी ने उसे आखिरकार बिस्तर पकड़ा दिया है़. मामला अनाप शनाप बिजली बिल से जुड़ा है़ इसे सही करवाने के लिए वो बिजली कार्यालय का चक्कर काटते व अधिकारियों के सामने गुहार लगाते थक चुका है. नाई रमजान अली का कहना है कि 38 हजार रुपये का बिल भरना उसके लिए मुमकिन नहीं है़ मीटर की रीडिंग व भेजे जा रहे बिल में जमीन आसमान का फर्क है़. हैरत की बात ये है मामले की जानकारी विभाग के कार्यपालक अभियंता से लेकर कनीय अभियंता तक को है़. यहां तक कि जिला पदाधिकारी भी इस मामले को देखने का निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे चुके हैं पर लापरवाही अपनी जगह कायम है़.

माजरा ये है कि शहर में हजामत की एक छोटी सी दुकान चलाने वाले रमजान अली ने 2007 में विद्युत कनेक्शन लिया़ हर माह वो बिल का भुगतान करता रहा़. लेकिन परेशानी मार्च 2012 से शुरू हुई़ हुआ यूं कि मार्च 2012 में अचानक विभाग ने उसे 1800 रुपये का बिल भेज दिया़. उसने अधिकारियों से बात की़ आवेदन दिया़ पर नतीजा कुछ नहीं निकला़. मजबूरन उसने कर्ज उधार लेकर भुगतान कर दिया़.

मामले पर ध्यान देने व हल करने के बजाये दो माह बाद उसे फिर विभाग ने 25 हजार 164 रुपये का बिजली बिल भेजा़ बिल में मीटर रीडिंग सात हजार 777 यूनिट दर्ज किया गया था़. जबकि हकीकत में रीडिंग बहुत कम थी़. उसके बाद से ही रमजानी व उसका पुत्र बिजली विभाग व विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है़. परिजनों ने अलग-अलग अधिकारियों को आठ दस बार आवेदन दिय़े बिजली विभाग के जनता दरबार में भी आवेदन दिया़ आवेदन के साथ मीटर रीडिंग की फोटो खींच कर भी दी, लेकिन बिल में सुधार नहीं हुआ़ रमजान अली का कहना है कि हर बार मामला देखने का आश्वासन मिलता रहा है़ पर हुआ कुछ नहीं. अब हालात ये हैं कि बिजली का बिल 38 हजार रुपये तक पहुंचा दिया गया है़.

जबकि मीटर रीडिंग काफी कम है़ रमजान अली का कहना है कि इनता अधिक बिल चुकाने की उसकी हैसियत नहीं है़. न ही वाकई वो देनदार है, क्योंकि वो इतनी अधिक बिजली की खपत ही नहीं करता है़. वहीं बताया जाता है कि इसी भुगतान के दबाव में रमजान अली बीमार पड़ चुका है़ तनाव से उसका डायबिटीज बढ़ गया है़ उसके पुत्र ने बताया कि पिता महाजन से सूद पर कर्ज लेकर इस मुसीबत से निजात पाने तक को तैयार हैं. पर कर्ज भी नहीं मिल रहा है़ उल्लेखनीय है कि रमजान अली का मामला महज बानगी भर है़ जानकारों का कहना है अनाप शनाप बिजली बिल के सैकड़ों मामले जिले में हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी ऐसे मामले में सुधार की कोई पहल नहीं कर रहे हैं.

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