24 घंटे के अंदर तीन हत्याओं से पुलिसिंग पर उठे सवाल
बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए चुनौती पुलिस अब तक एक भी हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है अररिया : अपराध की घटनाएं कम नहीं हो रही है. कई चर्चित कांडों का पुलिस खुलासा भी नहीं कर पायी है. ऐसे में पुलिसिंग पर अब सवाल उठने लगे हैं. आंकड़ों पर गौर करें […]
बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए चुनौती
पुलिस अब तक एक भी हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है
अररिया : अपराध की घटनाएं कम नहीं हो रही है. कई चर्चित कांडों का पुलिस खुलासा भी नहीं कर पायी है. ऐसे में पुलिसिंग पर अब सवाल उठने लगे हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन माह में 19 हत्याएं हुई. 24 घंटे के अंदर हत्या की तीन घटनाओं को अंजाम देकर अपराधियों ने पुलिस को खुली चुनौती दे दी है. 13 जनवरी को फुलकाहा में बबली की हत्या का आरोप उसके परिजनों द्वारा लगाया गया, लेकिन आज तक न तो पुलिस हत्या की गुत्थी ही सुलझा पायी. न ही नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी कर पाने में पुलिस कामयाब हो पायी.
नतीजा अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है. इसी का परिणाम है कि रानीगंज में हत्या कर फेंके गये दो शवों के मिलने के महज 24 घंटे के अंदर सिकटी प्रखंड के भिड़भिड़ी पैक्स अध्यक्ष उपेंद्र मंडल की अधजले शव ने जिले के लोगों को अंदर से भयभीत कर दिया है. हालांकि हत्या के कारणों का खुलासा तो नहीं हो पाया है.
लेकिन इन घटनाओं से लोग अंदर ही अंदर असहज महसूस करने लगे हैं. घटनाओं का सफलतापूर्वक उद्भेदन हो या फिर हत्यारों की गिरफ्तारी संभव हो तब ही हत्या की घटनाओं पर विराम लग सकता है, लेकिन मामूली खानापूर्ति के बाद पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है, जिससे हत्यारे वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं.