सैकड़ों की संख्या में रोज पहुंचते हैं आवेदक एक सुरक्षा गार्ड तक नहीं
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आरटीपीएस काउंटर पर दिन भर मची रहती है अफरा-तफरी
सैकड़ों की संख्या में रोज पहुंचते हैं आवेदक एक सुरक्षा गार्ड तक नहीं महिलाओं की भीड़ के कारण हमेशा शोर-शराबे की बनी रहती है संभावना अररिया : प्रखंड कार्यालय परिसर के आरटीपीएस काउंटर पर आवेदकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. आरटीपीएस काउंटर पर राशन कार्ड के आवेदन लिये जाने की प्रक्रिया आरंभ होने के […]
महिलाओं की भीड़ के कारण हमेशा शोर-शराबे की बनी रहती है संभावना
अररिया : प्रखंड कार्यालय परिसर के आरटीपीएस काउंटर पर आवेदकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. आरटीपीएस काउंटर पर राशन कार्ड के आवेदन लिये जाने की प्रक्रिया आरंभ होने के बाद से ही स्थिति भयावह होने लगी है. हर दिन सैकड़ों की संख्या में आवेदन जमा कराने के लिए लोग काउंटर पर पहुंच रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या महिलाओं की होती है. जिन्हें आवेदन जमा कराने के लिए पूरा दिन खिली धूप में खड़े रहने के लिए बाध्य होना पड़ता है. साथ ही उन्हें स्वच्छ पेयजल और शौचालय के लिए जहमत उठानी पड़ती है.
आवेदन जमा लेने में होने वाली देरी के पीछे आरटीपीएस में कर्मियों की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. ऐसा इसलिए कि आरटीपीएस में महज दो काउंटर हैं. काउंटर की संख्या बढ़ाने की मांग तो लंबे समय से चली आ रही है. लेकिन इसे लेकर बरकरार प्रशासनिक उदासीनता का खामियाजा फिलहाल लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
हर दिन प्राप्त होते हैं चार सौ से अधिक आवेदन
आरटीपीएस के दोनों काउंटर पर हर दिन चार सौ से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं. गौरतलब है कि बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन द्वारा एक कार्यपालक के लिए एक दिन में महज 60 आवेदन इंट्री करने की क्षमता निर्धारित की गयी है. इसके बावजूद आरटीपीएस के दोनों काउंटर पर हर दिन 400 से अधिक आवेदन लिये जा रहे हैं. जो काउंटर पर काम कर रहे कार्यपालक सहायक पर काम के अत्यधिक बोझ को दर्शाता है.
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गार्ड भी नहीं
आरटीपीएस काउंटर पर लगने वाली भीड़ की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. काउंटर पर लोगों की सुरक्षा के लिए एक गार्ड तक प्रतिनियुक्ति नहीं हैं. ऐसे में आवेदन जमा कराने को लेकर ही दिन में कई मरतबा लोगों को आपस में झगड़ते देखा जा सकता है. खास कर काउंटर पर महिलाओं की अपार भीड़ जुटने के कारण यहां शोर-शराबे की संभावना हमेशा बनी रहती है.
दो काउंटर होने के कारण लगती है आवेदकों की लंबी कतार
आरटीपीएस में महज दो काउंटर है. जबकि हर दिन सैकड़ों की संख्या आवेदक जरूरी आवेदन जमा कराने यहां पहुंचते हैं. कार्यालय में चार इक्जिक्यूटिव एसिसटेंट और आइटी सहायक का एक पद सृजित है. इसमें इक्जिक्यूटिव एसिसटेंट के चार पदों पर कर्मी बहाल हैं. लेकिन इसमें एक की प्रतिनियुक्त जिला आपदा विभाग में है. बांकी बचे तीन में एक पर तत्काल सेवाओं के निपटारे का जिम्मा है. इसी तरह एक सहायक महज ऑन लाइन म्यूटेशन का काम देखते हैं. पेंशन, राशन कार्ड सहित अन्य आवेदनों के निपटारे का जिम्मा महज एक कर्मी पर है. आपूर्ति से संबंधित मामलों के निष्पादन सहायक के पद पर कर्मी के बहाली की प्रक्रिया अब तक लंबित है.
इस कारण आपूर्ति से संबंधित मामलों का निष्पादन लंबे समय से बाधित है. काउंटर पर प्राप्त आवेदनों से संबंधित रिपोर्ट अंचल कार्यालय से प्राप्त होने के बाद सर्टिफिकेट जेनरेशन का दबाव भी कर्मियों के ऊपर होता है. इस कारण आवेदनों का ससमय निष्पादन की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.
नामांकन तीन मई से, मतदान 28 मई को और 31 को प्रत्याशी के भाग्य का फैसला
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