RJD सांसद के अमर्यादित भाषा के विरोध में सदर अस्पताल के डीएस ने पद छोड़ा, विरोध में उतरा भासा

अररिया : बिहार मेंअररियासे राजद सांसद सरफराज आलम के द्वारा सदर अस्पताल के कार्यकारी उपाधीक्षक के साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किये जाने के बाद उपाधीक्षक डॉ जेएन माथुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफा दिये जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2018 7:26 PM

अररिया : बिहार मेंअररियासे राजद सांसद सरफराज आलम के द्वारा सदर अस्पताल के कार्यकारी उपाधीक्षक के साथ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किये जाने के बाद उपाधीक्षक डॉ जेएन माथुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफा दिये जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को अस्पताल उपाधीक्षक सह भासा के प्रदेश महासचिव अजय कुमार सिंह ने स्थानीय अनुमंडल अस्पताल परिसर में एक बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने इस घटना की निंदा की.

डॉ अजयकुमार सिंह ने कहा कि अररिया जिले में 31 चिकित्सक के पद हैं. जिसमें मात्र 06 चिकित्सक हैं. शेष 25 पद रिक्त है. तीन सेवानिवृत्त हो चुके हैं. दो का निधन हो चुका है. दो चिकित्सक लंबी छुट्टी पर हैं. बिहार में कोई ऐसा सदर अस्पताल नहीं है जहां मात्र 06 चिकित्सक हों. इसलिए अररिया सदर अस्पताल सबसे कम चिकित्सक रहने और विगत छह महीने से वेतन नहीं मिलने के बावजूद बेहतर सेवा देने वाला बिहार का पहला सदर अस्पताल है. डॉ श्री सिंह ने कहा कि सांसद यदि यह अच्छी तरह जानते है कि जिला में अस्पताल में क्या होता है तो वह ये बतावें कि अररिया जिला में स्वास्थ्य विभाग के अलावा कौन सा विभाग है जो 06 महीना वेतन नहीं मिलने के बाद भी 24 घंटा सेवा दे रहा है. यदि इसी तरह अपमानजनक व असम्मानजनक भाषा का व्यवहार किया जाता रहेगा तो ऐसी परिस्थिति में नौकरी करना मुश्किल है या तो नौकरी छोड़ देंगे अथवा वीआरएस ले लेंगे.

डॉ सिंह ने कहा कि सांसद के पास पावर व विशेषाधिकार है तो चिकित्सकों कि संख्या बढ़वायें, 06महीना का लंबित वेतन का भुगतान करवायें. जब लंबित वेतन नहीं दिला सकते चिकित्सकों का पदस्थापना नहीं करा सकते तो अमर्यादित व्यवहार नहीं करें. डॉ श्री सिंह ने बताया कि गुरुवार को अररिया में भासा की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जायेगी. इसमें वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा के साथ साथ कई अहम फैसले भी लिये जायेंगे. इस मौके पर डॉ श्री सिंह के अलावा डॉ एमपी गुप्ता, डॉ ओपी मंडल, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय कुमार, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित अन्य मौजूद थे.

क्या है मामला
जानकारी के अनुसार डीएस डॉ जेएन माथुर ने एक चिकित्सक को नाइट ड्यूटी दी थी. लेकिन चिकित्सक ने रोजा को ले नाइट ड्यूटी करने से इन्कार कर दिया व ड्यूटी पर नहीं आये. इस बात की शिकायत सांसद के पास पहुंची. कहा जाता है कि सांसद ने चिकित्सक का बचाव करते हुए डीएस को कुछ कहा. जो डीएस को नागवार लगा. सांसद से हुई बातचीत से मर्माहत डीएस ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया और इसकी सूचना सिविल सर्जन सहित वरीय अधिकारी को दी. बताया जाता है चिकित्सकों के रोस्टर बनाने को ले विवाद हुआ था. लेकिन इस संबंध में न तो सिविल सर्जन कुछ बोलने को तैयार हुए और न ही कोई वरीय अधिकारी ही. सिविल सर्जन ने बताया कि वे मीटिंग में भाग लेने के लिए पटना आये हैं. इधर सांसद सरफराज आलम ने कहा कि उन्होंने डीएस को कुछ कहा ही नहीं है. डीएस द्वारा उन पर लगाया जा रहा आरोप बेबुनियाद है.

Next Article

Exit mobile version