436 प्रेरक सहित 1112 साक्षरता कर्मियों की सेवा हुई समाप्त
जन शिक्षा निदेशक विनोदानंद झा ने दिया है लिखित निर्देश 21 माह से मानदेय भी है लंबित साक्षरता कर्मी सड़क से संसद तक आंदोलन के मूड में अररिया : साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम लगभग बंद हो गया है. इससे जुड़े सभी संविदा कर्मियों की सेवा भी समाप्त कर दी गयी है. इससे 436 प्रेरक, 18 […]
जन शिक्षा निदेशक विनोदानंद झा ने दिया है लिखित निर्देश
21 माह से मानदेय भी है लंबित
साक्षरता कर्मी सड़क से संसद तक आंदोलन के मूड में
अररिया : साक्षर भारत मिशन कार्यक्रम लगभग बंद हो गया है. इससे जुड़े सभी संविदा कर्मियों की सेवा भी समाप्त कर दी गयी है. इससे 436 प्रेरक, 18 प्रखंड समन्वयक, चार जिला समन्वयक सहित 1090 स्वयंसेवकों की छुट्टी हो गयी. विगत दिनों राज्य से एक निर्देश जारी कर यह जानकारी दी गयी है. जानकारी अनुसार जन शिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा ने लिखित निर्देश देते हुए तत्काल प्रभाव से इसे लागू करने की बात कही गयी है. साक्षरता कार्यालय की देखभाल के लिए एक लिपिक को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश डीपीओ साक्षरता को दिया गया है, ताकि विभागीय कार्य में किसी तरह की कागजी परेशानी न उठानी पड़े. जन शिक्षा निदेशालय के इस निर्णय से साक्षर भारत कार्यक्रम को जिले में करारा झटका लगा है. सभी हटाये गये कर्मी इन दिनों हड़ताल पर डटे हुए हैं.
दरअसल, साक्षर भारत का कार्यक्रम केंद्र की योजना है. केंद्र इस मद में राशि आवंटित नहीं कर रही है, जिसकी वजह से यह योजना बंद करने का निर्णय लिया गया है.
22 माह से नहीं मिला है मानदेय
साक्षर भारत के कर्मियों का कहना है कि एक तरफ सरकार रोजगार की बात करती है. वहीं दूसरी ओर लंबे समय से समाज के लिए योगदान देने वाले कर्मियों को हटाने की बात कर रही है. कहा कि सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में साक्षरता कर्मियों का योगदान सबसे अधिक प्रभावशाली रहा है. वहीं 22 माह से किसी भी साक्षरता कर्मी को मानदेय भुगतान नहीं हुआ है. इस बात का रोष साक्षरता कर्मियों में है.
कहते हैं मुख्य जिला समन्वयक
साक्षर भारत से जुड़े कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गयी है. यह बेहद निराशाजनक कदम है. पुन: नौकरी के लिए सड़क से सांसद तक आंदोलन किया जायेगा. फिलहाल साक्षरता जुड़े कर्मी पटना में धरना पर है. उन्होंने बताया कि जिले के 218 पंचायत में 436 प्रेरक, नौ प्रखंडों में 18 प्रखंड समन्वयक, 1090 स्वयंसेवक के अलावा जिला स्तर के चार समन्वयक स्तर के पद को समाप्त कर दिया गया है.