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जिला में बारिश के बाद बढ़ा बाढ़ का खतरा

अररिया : जिला में तीन रोज से रूक-रूक कर हो रहे भारी बारिश को लेकर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है. पिछले वर्ष आई बाढ़ का डर लोगों को फिर से एक बार सताने लगी है. लोग अपने-अपने घरों में खाने-पीने की चीजे भी स्टोक करने लगे है. त्रिशुलिया घाट के से सटे […]

अररिया : जिला में तीन रोज से रूक-रूक कर हो रहे भारी बारिश को लेकर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है. पिछले वर्ष आई बाढ़ का डर लोगों को फिर से एक बार सताने लगी है. लोग अपने-अपने घरों में खाने-पीने की चीजे भी स्टोक करने लगे है. त्रिशुलिया घाट के से सटे रह रहे लोग भगत टोला, माता स्थान, बसंपुर, खरैया बस्ती, बाबा जी कुटिया आदि जगहों के लोगों को बारिश के बाढ़े जलस्तर से लोग परेशान होने लगे है. त्रिशुलिया घाट के आप-पास रह रहे दर्जनों लोगों ने बताया कि पिछले साल आये बाढ़ ने हमलोगों को भारी नुकसान पहुंचाया था. हमलोग अपने घर में रखे कोई समान नहीं बचा पाये थे.

इस लिए इस वर्ष कही पिछले साल बाढ़ नहीं आ जाये इसके लिए सभी गांव वालों पूर्व से अलर्ट है. साथ ही खाने पीने की चीजे भी धीरे-धीरे स्टोक कर रहे है. छोटे-छोटे बच्चों को पानी के आस-पास नहीं जाने के लिए दे रहे है. जिला में रविवार से रूक रूक कर भारी बारिश होने से जल जमाव के साथ नदियों में पानी बढ़ने लगा है. बताया जाता है कि नेपाल में भी भारी बारिश हो रहा है और नेपाल से पानी का बहाव अररिया जिले के तरफ हो रहा है और अररिया में भी बारिश होने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.पिछले साल भी अररिया जिले के साथ अररिया शहर में भी बाढ़ का पानी में काफी कहर बरपाया था. इससे सैकड़ों लोगों की मौत भी हो गयी थी. जबकि जिलें में अरबों रूपये के समान की भी छती नापी गयी थी.

साथ लोगों को इस तहर की बाढ़ की चपेट में आने से लोगों को कई वर्ष पिछे भी कर दिया था. इतना जरूर है जिले में लोगों को पिछले साल की बाढ़ सामना नहीं करना पड़े इसके लिए पूर्व से सर्तक दिख रहे है. हालांकि इसके लिए जिला प्रशासन भी बाढ़ ने निपटने के लिए तैयारी युद्ध स्तर पर कर हरे है. हालांकि जिले के कई गांव तटबंध टूटने से दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है. गांव में फसल को अच्छा खासा नुकसान होने की बात बताई जा रही है. लोग ऊंचे स्थान का सहारा भी लोने लगे है.

नदियों के जलस्तर में वृद्धि बना यातायात समस्या का कारण : सिकटी. प्रखंड क्षेत्र में हो रही मुसलाधार बारिश के कारण क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. बारिश की वजह से नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. नदियों के तेज बहाव के कारण तटवर्ती इलाके में कटान की समस्या गहराने लगी है. साथ ही विभिन्न नदी घाटों पर नदी पार करने के लिए बने चचरी पुल पानी के तेज बहाव में बह जाने के कारण यातायात संबंधी कठिन समस्या खड़ी हो गयी है. कई मार्गों पर आवगमान बाधित होने की सूचना है. प्रखंड के बरदाहा, ठेंगापूर, खोरागाछ, भिड़भिड़ी, बोकंतरी सहित अन्य इलाके के लोगों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए आसान एबीएम सिकटी पथ पर रानीपुल के पास बना चचरी क्षतिग्रस्त होने के कारण मुख्यालय पहुंचन के लिए लोग नाव की सवारी के लिए बाध्य हैं. रानीपुल घाट पर नदी पार करने के लिए छोटे नावों का परिचालन लोगों के जानलेवा बना हुआ है. छोटी नाव पर लोग अपने बाइक, साइकिल लाद कर भेंड बकरियों की तरह नदी पार करते हैं. इससे यहां दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है. शाम ढलने के बाद नदी में छोटे नाव का परिचालन भी बंद हो जाता है. इससे मुख्यालय से लौटने में देरी होने पर लोगों का अपना घर पहुंचना बेहद मुश्किल हो जाता है. इसके अलावा धर्मगंज से बीड़ी के रास्ते लकड़कट्टा के पास बने डायवर्सन में पानी भर आया है. इस रास्ते में कीचड़ जमा होने के लोगों का पैदल चल पाना मुश्किल हो गया है.
बकरा व रतवा नदी के जलस्तर में वृद्धि से क्षेत्र में बाढ़ की समस्या : पलासी. क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश और नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्रों में पानी छोड़े जाने के कारण प्रखंड से बहने वाली बकरा व रतवा नदी के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. इससे क्षेत्र के निचले इलाकों में बसे करीब एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. इससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है. मालूम हो कि प्रखंड के पश्चिमी हिस्से से बहने वाली बकरा नदी का पानी जरियाखाडी, बघवाबाडी, भट्टाबाडी, धर्मगंज, बिजवाड, धपडी, सोहदी के इलाकों में तेजी से फैल रहा है. इधर रतवा नदी का पानी बुद्धि, काशबाडी, मियांपुर, डकैता कॉलोनी आदि गांवों में फैल कर बाढ़ का रूप ले लिया है. नदियों के जलस्तर में हो रही तेज वृद्धि को देखते हुए तटवर्ती इलाके के लोगों में दहशत व्याप्त है. बाढ़ प्रभावित परिवार अपना घर छोड़ कर जान-माल की सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थानों की तलाश में लग गये हैं. इधर बकरा के तेज धार की चपेट में आकर मोदीयन धार पर बना डायवर्सन पर लोगों को नाव के सहारे आवाजाही करना पड़ रहा है. बकरा नदी के घाट बकेनिया, पिपरा कोठी, कोढैली मालद्वार, काचमोह, बिजवाड, धपडी सहित आदि घाटों पर भी नाव का परिचालन आरंभ हो चुका है. मालूम हो कि बिते साल आयी बाढ़ में पानी के तेज बहाव से पलासी-मदनपुर मार्ग पर पश्चिम ककोडवा गांव के पास तीस फीट सड़क बह गया था. समय रहते इसकी मरम्मत नहीं होने के कारण एक बार फिर से उक्त सड़क पर लोग आनी जान जोखिम में डाल कर पार करने के लिए मजबूर हैं. जल्द ही उक्त स्थान पर मरम्मत का कार्य आरंभ नहीं किया गया तो यातायात संबंधी गंभीर समस्या खड़ी हो सकती है.

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