अररिया : घर से अस्पताल तक मरीजों का ख्याल रखें. मरीजों की हर प्रकार की जांच आवश्यकतानुसार करायी जाये. जांच के बाद ही उनकी बीमारी का पता चल पायेगा. खास कर गर्भवती महिलाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाये. गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस मिल सके और प्रसव उपरांत उसे वापस एंबुलेंस से ही घर पहुंचाया जाये. यह निर्देश सीएस डॉ. रामाधार चौधरी ने गुरुवार को अपने कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों व कर्मियों को दी.
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घर से अस्पताल तक मरीजों का रखें पूरा ख्याल, जांच के बाद करें इलाज : सीएस
अररिया : घर से अस्पताल तक मरीजों का ख्याल रखें. मरीजों की हर प्रकार की जांच आवश्यकतानुसार करायी जाये. जांच के बाद ही उनकी बीमारी का पता चल पायेगा. खास कर गर्भवती महिलाओं का भी विशेष ख्याल रखा जाये. गर्भवती महिलाओं को घर से अस्पताल तक लाने के लिए एंबुलेंस मिल सके और प्रसव उपरांत […]
सीएस ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों का स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए काफी प्रयत्नशील है. मरीजों का घर से लेकर अस्पताल तक ख्याल रखने का स्वास्थ्य विभाग के फिल्ड में काम कर रहे कर्मियों को निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही मरीजों को कैसे बेहतर से सुविधा कैसे पहुंचाया जाये इसका भी स्वास्थ्य विभाग नये तौर पर रणनीति तैयार कर रहा है. एसीएमओ डॉ ललन प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पताल में जांच कराने का आदेश दिया गया है.
जांच के दौरान ही कौन क्या बीमारी से ग्रसित है यह पता चल पायेगा. साथ ही नये बीमारियों का भी पता चल पायेगा. डीपीएम रेहान अशरफ, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ लक्ष्मी रंजन प्रसाद, साचि कुमार, एड्स डीपीएम अखिलेश, सौरभ तिवारी सहित अन्य मौजूद थे.
गर्भवती महिलाओं का रखा जाये विशेष ध्यान
चिकित्सक समेत दो कर्मियों का वेतन रोका
सीएस डॉ रामधार चौधरी के अनुमंडल अस्पताल में औचक निरीक्षण के दौरान एक चिकित्सक समेत दो कर्मी अनुपस्थित पाये गये थे. इस आलोक में दोनों का तत्काल वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है. सीएस ने बताया कि 16 अगस्त को अनुमंडल अस्पताल का निरीक्षण किया गया था. जिसमें डॉ संजय कुमार व एसएलटी उदय कांत पासवान अनुपस्थित पाये गये थे. इस निरीक्षण के दौरान यह जानकारी मिली कि डॉ संजय कुमार सप्ताह में मात्र एक दिन ही आते हैं तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम एवं वे सहयोग प्रदान नहीं करते हैं. साथ ही उनके मुख्यालय में नहीं रहने की भी शिकायत मिली है. इस वजह से उनका वेतन रोकने का निर्देश दिया है.
सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करें शुरू, नहीं तो होगी कार्रवाई
सदर अस्पताल में कई महीनों से मोतियाबिंद का ऑपरेशन बंद है. इसको लेकर सीएस डॉ रामाधार चौधरी ने कहा कि उन्हें राज्यस्तरीय बैठक में शर्मिंदा होना पड़ा है. इस आलोक में सीएस ने सदर अस्पताल के नेत्र चिकित्सक डॉ. राजेश कुमार को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि 17 अगस्त को राज्यस्तरीय बैठक में अररिया में नेत्र रोग विशेषज्ञ की उपलब्धता होने के बावजूद भी सरकारी संस्थाओं में मोतियाबिंद ऑपरेशन की प्रगति विगत कई माह से शून्य है. इस दिशा में अपेक्षित सुधार के लिए सख्त निर्देश दिये गये. सीएस ने बताया कि ऐसे में चिकित्सक द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन कार्य में असमर्थता व्यक्त करना काम में लापरवाही को दर्शाता है. इस लिए सदर अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन चालू करने का सख्त निर्देश दिया गया है.
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