सांसद निधि से 62 योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पर टिकी निगाहें

पूर्व सांसद तसलीमुद्दीन द्वारा अनुशंसित योजनाओं की निविदा पर बीते जनवरी माह में उपजे विवाद के बाद पुर्ननिविदा प्रकाशित अररिया : योजना एवं विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा सांसद व विधायक मद से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में किये गये बड़े बदलाव के बाद पहली बार स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल अररिया द्वारा सांसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2018 6:32 AM

पूर्व सांसद तसलीमुद्दीन द्वारा अनुशंसित योजनाओं की निविदा पर बीते जनवरी माह में उपजे विवाद के बाद पुर्ननिविदा प्रकाशित

अररिया : योजना एवं विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा सांसद व विधायक मद से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में किये गये बड़े बदलाव के बाद पहली बार स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल अररिया द्वारा सांसद निधि से लगभग नौ करोड़ रुपये की 62 विकास योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पर विभाग से जुड़े संवेदक ही नहीं विकास पसंद हर जिलेवासियों की निगाहें टिकी हुई है. पूर्व सांसद मो तसलीमुद्दीन द्वारा अनुसंशित इन योजनाओं को लेकर पहले से ही विवाद रहा है.
बीते जनवरी माह में पूर्व सांसद द्वारा अनुसंशित 70 में से 65 योजनाओं के गुपचुप तरीके से निपटारे को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. इसके तत्काल बाद विभागीय तौर पर इसे रद्द कर देना पड़ा. दोबारा एलएईओ द्वारा इन 65 में से 62 योजनाओं की पूर्ननिविदा प्रकाशित की गयी है. जानकारी मुताबिक सिकटी विधायक द्वारा अनुशंसित एक करोड़ से अधिक की योजना का निविदा भी आज प्रकाशित होनी है. गौरतलब है कि विभागीय तौर पर अब सांसद और विधायक निधि की योजनाओं के निपटारे में बड़ा बदलाव हो चुका है. निविदा निपटारे को ज्यादा पारदर्शी बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये जरूरी कदम के बाद इसके निपटारे की प्रक्रिया पर लोगों की निगाहें टिकी हुई है.
निविदा निबटारे में आरक्षण के प्रावधान पर लगी रोक : 15 लाख से कम की योजनाओं के निविदा के निपटारे में पूर्व में जारी आरक्षण के प्रावधान रद्द कर दिया गया है. पूर्व में 15 लाख से कम की योजनाओं में एससी को 16 प्रतिशत, एसटी को एक प्रतिशत, ईबीसी को 18 प्रतिशत, बीसी को 12 प्रतिशत और पिछड़ी जाति की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत कुल 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू था. इस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. मानीय सर्वाच्च न्यायालय ने सपना सिंह बनाम बिहार सरकार से जुड़े वाद संख्या सीडब्ल्यूजेसी नंबर 120055/2015 की सुनवाई के बाद मई 2017 में अपना फैसला सुनाते हुए निविदा निपटारे के प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधान पर तत्काल प्रभाव से रोक का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किसी खास जाति समूह के संवेदक को निविदा हासिल करने में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा.
15 लाख से कम की योजना के लिए पहली बार होगी ओपेन टेड्रिंग
पूर्व में सांसद व विधायक निधि के 15 लाख से कम की योजनाओं को ऑपन टेड्रिंग में शामिल नहीं किया जाता था. सांसद व विधायक के मातहत व उनके करीबी इस व्यवस्था का भरपूर लाभ उठाते थे. महज एक सादे कागज पर सांसद या विधायक की अनुशंसा प्राप्त कर उनके करीबियों को आसानी से काम मिल जाता था. पूर्व सांसद तसलीमुद्दीन द्वारा अनुशंसित सभी योजनाओं का प्राक्कलन 15 लाख से कम रखे जाने के पीछे भी जानकारों का तर्क था कि जानबूझ सभी योजना का प्राक्कलन 15 लाख से कम रखा गया. ताकि ऑपन टेड्रिंग की प्रक्रिया से बचा जा सके. इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा. नये सरकारी प्रावधान के मुताबिक 15 लाख से कम की योजनाओं के निविदा निपटारे के लिए ऑपन टेड्रिंग की व्यवस्था अपनायी जानी है. ऐसे में योजनाओं का गुपचुप तरीके से निपटारे की प्रक्रिया पर नकेल कसा जा चुका है.
नयी व्यवस्था के तहत सभी संवेदक योजना के निविदा निपटारे की प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. निविदा का सार्वजनिक प्रकाशन प्रमुख समाचार पत्रों के अलावा एनआईसी व पीआरडी की वेबसाइट पर अपलोड़ कराना जरूरी होगा. इसके अलावा भी निविदा के व्यापक प्रचार-प्रसार कराना जरूरी होगा.
सांसद व विधायक निधि की योजनाओं की निपटारे में विभागीय तौर पर किये गये बदलाव को ध्यान में रखते हुए स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल अररिया द्वारा निविदा का निबटारा किया जा रहा है. नये व्यवस्था के तहत 15 लाख से कम की योजनाओं के लिए इस बार ऑपन टेड्रिंग की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. पूर्व में जारी आरक्षण के प्रावधान पर माननीय सर्वाच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दिये जाने के बाद इस बार किसी खास जाति समूह के संवेदकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा.
कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमंडल अररिया

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