नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार के अररिया जिले में एक नाबालिग लड़की को घर से छह लोगों द्वारा खींच कर बाहर निकालने के बाद उसकी कथित तौर पर पिटाई करने और उसका सिर मुंडवा कर निर्वस्त्र घुमाने की खबरों को लेकर राज्य सरकार और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है. आयोग ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने इस घटना के बारे में आयी खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया है.
साथ ही, इस बात पर जोर दिया है कि राज्य एवं देश की छवि खराब करने वाली इन शर्मनाक घटनाओं को तत्परता से रोकने के लिए कानून प्रर्वतन एजेंसियों को कहीं अधिक सक्रिय, सतर्क और सावधान रहने की फौरी जरूरत है. एनएचआरसी ने नोटिस जारी करते हुए यह भी कहा कि हाल ही में उसने बिहार में हुई एक अन्य घटना पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें भोजपुर जिला के बिहिया गांव में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाया गया था.
आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को नोटिस जारी कर खबरों में आयी इन दोनों घटनाओं पर एक विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. बयान में कहा गया है, ‘‘आयोग यह भी जानना चाहेगा कि इस तरह की शर्मनाक घटनाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार की कार्रवाई योजना क्या है. चार हफ्तों में जवाब मिलने की उम्मीद जतायीगयी है.”
खबरों के मुताबिक अररिया में 31 अगस्त को छह लोगों ने एक नाबालिग लड़की को उसके घर से खींच कर बाहर निकाला, उसकी पिटाई की और उसका सिर मुंडवा कर उसे निर्वस्त्र घुमाया. इसने यह भी कहा गया है कि कथित तौर पर लड़की के गुप्तांग काटने की भी कोशिश की गयी. खबर में एक अन्य घटना का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मुजफ्फरपुर और पटना के बाद बेगूसराय जिला में एक आश्रय गृह भी उस वक्त जांच के दायरे में आ गया, जब उसमें रहने वाली एक किशोरी ने दो सितंबर को कांच के टुकड़े निगल कर आत्महत्या की कोशिश की.
आयोग ने कहा कि इस विषय पर मुख्य सचिव और डीजीपी से एक रिपोर्ट का इंतजार है. एनएचआरसी ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय), बिहार ने कथित तौर पर दावा किया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसक घटनाओं में कमी आयी है. लेकिन, खबरें कुछ और ही कहानी बयां करती है और पीड़िताओं, खासतौर पर नाबालिग लड़कियों तथा महिलाओं के मानवाधिकारों के हनन का गंभीर मुद्दा उठाती है.