नहीं मिला एंबुलेंस, तो ठेले का लिया सहारा और फिर…
अररिया : बिहार केअररियामें एक बार फिर सदर अस्पताल में सोमवार को अमानवीय मामला सामने आया है. एक माह से दम फूलने व बुखार की शिकायत के पर सदर अस्पताल आये मरीज को दो सुई देने के बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर करते हुए पल्ला झाड़ दिया. तुर्रा यह कि रेफर किये जाने के […]
अररिया : बिहार केअररियामें एक बार फिर सदर अस्पताल में सोमवार को अमानवीय मामला सामने आया है. एक माह से दम फूलने व बुखार की शिकायत के पर सदर अस्पताल आये मरीज को दो सुई देने के बाद चिकित्सकों ने हायर सेंटर रेफर करते हुए पल्ला झाड़ दिया. तुर्रा यह कि रेफर किये जाने के बाद मरीज को एंबुलेंस भी नहीं मिला. नतीजतन परिजनों को अपने मरीज को वापस ले जाने के लिए ठेले का सहारा लेना पड़ा.
परिजनों ने उसे हायर सेंटर कैसे लेकर जायेंगे. परिजन यह बात कुछ कर्मी से पुछा गया पर किसी ने उसे कुछ नहीं बताया. हालांकि, अंत में परिजनों ने अपने पीड़ित मरीज को ठेला पर वापस घर लेकर चले गये और मरीज को परिजनों ने भगवान के भरोसे छोड़ दिया. जानकारी अनुसार खरैया बस्ती वार्ड नंबर 10 निवासी मो ताहिर की 14 वर्षीया पुत्री बीवी सकिना खातून बुखार व दम फूलने की शिकायत पर इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. जहां चिकित्सकों ने युवती का प्राथमिक उपचार के दौरान उसे दो सूई दी और उसे ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी. साथ ही यहां इलाज संभव नहीं होने की बात कह कर हायर सेंटर रेफर कर दिया.
पीड़ित युवती के परिजन बीवी सबीना, मो तोहिद ने बताया कि बीवी सबीना ने बताया कि एक माह से बीवी सकीना को बुखार व दम फूलने की शिकायत है. जब सोमवार को अधिक बुखार व दम फूलने लगा तो उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया. पर रेफर किये जाने के बाद उसे वापस घर लेकर जाना पड़ा. कारण उसे एंबुलेंस नहीं मिला.
अभी तीन दिन पहले एक ऑटो पर एक महिला का प्रसव परिजनों ने इसलिए करा दिया कि वह अस्पताल तक जाने की स्थिति में नहीं थी और स्वास्थ्य कर्मी आने से मुकर गये थे. एक बार फिर एंबुलेंस नहीं मिलने से अस्पताल व्यवस्था की पोल खुल गयी है.
कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
इस मामले में अस्पताल प्रबंधक नाजीश अहमद नियाज ने बताया कि सदर अस्पताल में किसी भी रोगियों को रेफर किये जाने के बाद मुफ्त में एंबुलेंस दिया जाता है. उसे बाहर ले जाने के बदले ठेला पर वापस घर लेकर चला गया यह काफी दुखद: है. अगर हमारे पास मरीज के परिजनों आया होता तो उसे जरूर बाहर ले जाने के लिए एंबुलेंस दिया जाता.