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जिले के सात प्रखंडों में 173 केंद्र खोलकर बेरोजगारों को बनाया जा रहा शिकार

माया मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा चलाया जा रहा है ग्रामीण सर्व शिक्षा अभियान पहले भी कई दफे उक्त संस्था पर उठ चुकी है उंगलियां, बावजूद जिला प्रशासन द्वारा नहीं हुई कोई कार्रवाई मधेपुरा जिले के उदाकिशनगंज में संस्था के विरूद्ध एसडीओ ने की थी प्राथमिकी दर्ज, हुए थे संस्था के सदस्य गिरफ्तार सुब्रत सिन्हा, अररिया […]

  • माया मेमोरियल फाउंडेशन के द्वारा चलाया जा रहा है ग्रामीण सर्व शिक्षा अभियान
  • पहले भी कई दफे उक्त संस्था पर उठ चुकी है उंगलियां, बावजूद जिला प्रशासन द्वारा नहीं हुई कोई कार्रवाई
  • मधेपुरा जिले के उदाकिशनगंज में संस्था के विरूद्ध एसडीओ ने की थी प्राथमिकी दर्ज, हुए थे संस्था के सदस्य गिरफ्तार
सुब्रत सिन्हा, अररिया : जिले के लिए बेरोजगारी, पिछड़ापन व बाढ़ बड़ी समस्या रही है. नेताओं के द्वारा तमाम वायदे किये जाते हैं. लेकिन जिले के विकास की बात सिर्फ घोषणाओं तक ही सिमटी रह जाती है. कहें तो जिला का पिछड़ापन व बेरोजगारी फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों के लिए हमेशा से उर्वरा बनी हुई है.
इसका कई उदाहरण बार-बार सामने आता रहा है. लेकिन जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के आड़ में फर्जीवाड़ा या मिली भगत के नाम पर ऐसे लोग जिले में हमेशा लोगों को ठग कर अपना दुकान चलाने में कामयाब होते रहे हैं. पिछले कई माह से जिले में एक ऐसी संस्था चर्चाओं में रही, अखबारों की सुर्खियां तो बनी, अधिकारियों ने उसे फर्जी तक कह डाला लेकिन उनके विरुद्ध अब तक कार्रवाई नहीं हुई.
यही नहीं उक्त संस्था आज भी अररिया के शिवपुरी वार्ड संख्या 09 में बड़े आराम से अपनी दुकान चला रहे हैं. यह अपने आप को सर्व शिक्षा अभियान के समानांतर मानते हुए ग्रामीण सर्व शिक्षा अभियान के नाम पर जिले के सात प्रखंडों में 173 केंद्र खोलने का दावा भी कर रही है. दावे का सच कितना सही है वह तो ग्राउंड पर देखने को मिल ही रहा है.
उक्त संस्था बेरोजगारों को झांसा में लेकर वार्ड शिक्षक व लोक शिक्षक के नाम पर तीन हजार रुपये के मानदेय पर बहाली करता है. भोले-भाले लोग, ग्रामीण के साथ सर्व शिक्षा अभियान का बैनर लगा देख झांसे में आ जाते हैं. जिसके बाद शिकायतें तो यह भी मिली कि इनके द्वारा बेरोजगारों से बंधी-बंधायी मोटी रकम वसूल कर बहाली की गयी है.
इस मामले में मधेपुरा के उदाकिशनगंज में उक्त संस्था के संचालक सहित कई के विरुद्ध वहां के संबंधित एसडीओ द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज कराया गया है. मामले में कुछेक सदस्यों की गिरफ्तारी भी हुई. बावजूद जिले में इस संस्था पर लगाम लगता नहीं दिख रहा है. बल्कि यहां के भोले-भाले युवा हीं नहीं गांव के बच्चों को भी नवाचारी शिक्षा देने के नाम पर ठगने का धंधा परवान पर है.
प्रति बच्चे वसूली जाती है 40 रुपये की सहयोग राशि
माया मेमोरियल फाउंडेशन के संचालक सुजीत कुमार ने बताया कि उनकी संस्था 0-5 वर्ष तक के ऐसे बच्चों को विद्यालय नहीं जाते हैं, उनके प्राथमिक शिक्षण की व्यवस्था करता है. ऐसी शिकायतें मिली कि लोक शिक्षकों के बहाली के नाम पर अवैध उगाही की गयी है. लेकिन यह सच नहीं है.
अभी जिले के सात प्रखंडों में 173 केंद्र चलाये जा रहे हैं. जहां प्रति बच्चे 40 रुपये का सहयोग राशि लिया जाता है. एक कक्षा में 100 बच्चों को नामाकंन कर उन्हें एक घंटे की शिक्षा उनके लोक शिक्षक देते हैं. लोक शिक्षक को तीन हजार रुपये मानदेय दिया जाता है.
बच्चों के नाम पर फीस वसूलना अवैध
एसएसए के डीपीओ बालेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि ग्रामीण सर्व शिक्षा अभियान कह कर खोलना अवैध है. अगर व्यापक पैमाने पर वह जिले में ऐसा कर रहा है तो नि:सनदेह यह ठगी का मामला बनता है.
यह भी कहा कि यह अजीब है कि लोग बिना किसी सबूत के ऐसे संस्था के झांसे में कैसे आ जाते हैं. किसी भी प्रकार से विद्यालय या शिक्षा संचालन के नाम पर बच्चों से मासिक फीस वसूला जाना बूरी तरह से अवैध है. संस्था के विरूद्ध जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराया जायेगा.
बालेश्वर प्रसाद, डीपीओ एसएसए
नहीं है जानकारी, जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी अशोक मिश्रा ने पूछे जाने पर बताया कि शिक्षा विभाग को ऐसी किसी संस्था की कोई जानकारी नहीं है. जिले में अगर ऐसी कोई संस्था द्वारा विद्यालय चलाया जा रहा है तो वह अवैध है. उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई होगी.
अशोक कुमार मिश्रा, डीइओ

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