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अररिया में ही होगा एमडीआर मरीजों का इलाज, नहीं जाना होगा भागलपुर

हेमंत कुमार हीरा, अररिया : एमडीआर मरीजों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए भागलपुर नहीं जाना पड़ेगा. एमडीआर मरीजों का उपचार अब अररिया में ही होगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल के परिसर में बने एक पुराने भवन का जीर्णोद्धार कर एमडीआर उपचार सेंटर बनाया जा रहा […]

हेमंत कुमार हीरा, अररिया : एमडीआर मरीजों के लिए खुशखबरी है. अब उन्हें बेहतर इलाज के लिए भागलपुर नहीं जाना पड़ेगा. एमडीआर मरीजों का उपचार अब अररिया में ही होगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सदर अस्पताल के परिसर में बने एक पुराने भवन का जीर्णोद्धार कर एमडीआर उपचार सेंटर बनाया जा रहा है.

इसमें कुल चार एमडीआर मरीजों का एक साथ इलाज हो पायेगा. यह सेंटर एक महीने के भीतर ही चालू कर दिया जायेगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग युद्धस्तर पर काम कर रहा है. सदर अस्पताल परिसर में बन रहे एमडीआर उपचार सेंटर में एक साथ दो महिला व दो पुरुषों का इलाज होगा. इसके लिए महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड बनाये जा रहे हैं.
भागलपुर जाने की परेशानी से मिलेगा छुटकारा : स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जांच के बाद जिन मरीजों में एमडीआर पाया जाता था, वैसे मरीजों को अररिया में उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से उपचार के लिए भागलपुर भेजा जाता था.
इस कारण स्वास्थ्य विभाग को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता था. इस कारण स्वास्थ्य विभाग ने जिला पदाधिकारी से मिलकर अररिया में ही एमडीआर सेंटर खोलने का निर्णय लिया, ताकि मरीजों का इलाज अररिया में ही हो किया जा सके.
एक महीने के अंदर काम करना शुरू कर देगा सेंटर : बताया जाता है कि सदर अस्पताल परिसर में बन रहे एक पुराने भवन का जीर्णोद्धार किया गया है, जिसे एक महीने के भीतर सभी उपकरणों के साथ शुरू कर दिया जायेगा.
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से युद्ध स्तर पर काम करना शुरू कर दिया गया है. बताया जाता है कि एमडीआर सेंटर का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. सिर्फ उपकरण लगना ही बाकी रह गया है, जिसे जल्द ही पूरा किया जायेगा.
वर्ष 2014 से अब तक जांच के बाद 177 मिले हैं एमडीआर मरीज
स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में कुल 348 संदेहास्पद रोगी का मिले, जिनमें 226 का इलाज किया गया.
इनमें 22 एमडीआर रोगी पाये गये. जबकि 2015 में 278 संदेहास्पद रोगी मिले. इनमें जांच के बाद 234 मरीज मिले. इनमें भी 20 एमडीआर मरीज मिले. 2016 में कुल 450 रोगियों की जांच की गयी, जिसमें 406 रोगी पाये गये. इनमें भी कुल 26 एमडीआर मरीज पाये गये. वर्ष 2017 में कुल 462 मरीज की जांच की गयी, जिनमें 393 रोगी पाये गये.
इनमें भी कुल 20 एमडीआर मरीज मिले. जबकि 2018 में 2803 मरीजों का इलाज किया गया. जिसमें जांच के बाद 2803 मरीज पाये गये. जिसमें कुल 78 एमडीआर मरीज मिले. जबकि 2019 में कुल 901 लोगों की जांच की गयी. जिसमें 11 एमडीआर मरीज मिले. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी एमडीआर मरीजों का उपचार किया गया. हालांकि अब जिले में कुल 11 मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
मरीजों को भागलपुर भेजने में होती थी परेशानी
अररिया में एमडीआर सेंटर नहीं रहने के कारण मरीजों को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर भेजना पड़ता था. इस कारण काफी परेशानी होती थी. इसलिए जिला पदाधिकारी से बात कर सदर अस्पताल परिसर में बने एक पुराने भवन का जीर्णोद्धार कर एमडीआर सेंटर बनाया गया है. इसे एक महीने के भीतर ही चालू कर दिया जायेगा. इसके बाद एमडीआर मरीजों को बेहतर इलाज के लिए भागलपुर का चक्कर नहीं काटना होगा.
डॉक्टर एपी सिंह, यक्ष्मा पदाधिकारी

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