कर्मियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को सीओ ने बताया इस्तीफा की वजह

अररिया : अररिया अंचल में पदस्थापित सहायकों के कार्य व्यवहार से नराज सीओ उमेश कुमार सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. सीओ ने इस संबंध में जिलाधिकारी को आवेदन देते हुए अपनी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए विभाग से अनुशंसा करने की मांग की है. मामला प्रकाश में आने के बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 1, 2019 7:39 AM

अररिया : अररिया अंचल में पदस्थापित सहायकों के कार्य व्यवहार से नराज सीओ उमेश कुमार सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. सीओ ने इस संबंध में जिलाधिकारी को आवेदन देते हुए अपनी स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए विभाग से अनुशंसा करने की मांग की है. मामला प्रकाश में आने के बाद से प्रशासनिक तौर पर इसे लेकर सनसनी फैल गयी है.

सीओ ने अपने आवेदन में अंचल में प्रधान सहायक का पद रिक्त रहने के कार्यालयी कार्य के निष्पादन में होने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए कहा है कि अररिया अंचल में पदस्थापित सहायक अनुकंपा पर बहाल हैं. अंचल संबंधी कार्यों के निष्पादन में अभिरूचि नहीं लेते.
उनके गैर जवाबदेही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. सीओ ने आवेदन में कहा है कि अंचल से संबंधित कई वाद जिला व अनुमंडल लोक शिकायत कार्यालय में लंबित पड़े हैं. ससमय इसका निष्पादन नहीं होने के कारण बार-बार उन्हें अर्थदंड का भागी बनना पड़ता है. साथ ही मेरे खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाती है.
इस कारण लगातार मानसिक व आर्थिक प्रताड़ना से तंग आकर पद से त्यागपत्र देने की बात सीओ ने अपने आवेदन में कही है. सीओ ने आवेदन में कार्यालय सहायकों के गैर जिम्मेदार, अनुभूवहीन और लापरवाह होने की बात कही है. इतना ही नहीं सीओ ने स्पष्ट कहा है कि सभी कर्मी स्थानीय है. इस कारण अपनी मनमानी करते हैं. कर्मियों के स्थानांतरित करते हुए जिम्मेदार कर्मियों को पदस्थापित करने की बात आवेदन में कही गयी है.
भुगतना पड़ रहा है कर्मियों की मनमानी का खामियाजा : सीओ
मामले में सीओ उमेश कुमार सिंह ने कहा कि कर्मियों की लापरवाही के कारण लोक शिकायत के कई मामले लंबित हैं. कर्मियों के असहयोगात्मक रवैया के कारण सूचना अधिकार अधिनियम के तहत उनके वेतन से 25000 की कटौती हो चुकी है. दोबारा आर्थिक दंड को लेकर आयोग से पत्र प्राप्त हुआ है. लोक शिकायत में कई मामले लंबित हैं. इसके निबटारा को लेकर कर्मियों की मनमर्जी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. साथ ही लोगों का काम भी लंबे समय तक बाधित हो रहा है. ऐसे में मेरे पद पर बने रहने का कोई फायदा नहीं जान कर ही मैंने इस्तीफा की पेशकस डीमए से की है.

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