अररिया नप का बजट कल, 141 करोड़ का हो सकता है बजट का आकार

मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : अररिया नप वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट शनिवार को नप बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत होने जा रहा है. इस बार का बजट इस मायने में भी खास है कि बजट में चार आचार संहिता के मार के बाद एक बार पुन: विकास को नयी रफ्तार देने के आसार व्यक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2019 8:35 AM

मृगेंद्र मणि सिंह, अररिया : अररिया नप वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट शनिवार को नप बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत होने जा रहा है. इस बार का बजट इस मायने में भी खास है कि बजट में चार आचार संहिता के मार के बाद एक बार पुन: विकास को नयी रफ्तार देने के आसार व्यक्त किये जा रहे हैं. इस बार का बजट 2018-19 के 110 करोड़ के बजट से बड़ा लगभग 141 करोड़ रुपये की होने की चर्चा है. नप इस बजट में आय, प्राप्त होने वाली राशि व खर्च का पूरा खाका तैयार कर चुकी है.

बजट में शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सेवा पर उपलब्ध राशि का 35.22 प्रतिशत लगभग 57.28 करोड़ खर्च किये जाने की योजना है. इसके अलावा पार्क, पुल, ड्रैनेज निर्माण समेत अन्य योजनाओं पर भी खर्च किये जाने की योजना तैयार कर चुका है. आइये जानते हैं कि नप अपने बजट को कहां-कहां से राशि की प्राप्ति कर उक्त राशि को किन-किन मदों में खर्च करेगा.
कहां से आयेगी नप के पास राशि : होल्डिंग से
बिहार नगरपालिका अधिनयिम 2007 के धारा 127 के तहत नप क्षेत्राधीन मकानों के संपत्ति कर से आगामी वर्ष के लिए 01 करोड़ 80 लाख रुपये की वसूली करने का लक्ष्य रखा है. इस वसूली की सफलता के लिए नप कड़े कानून का पालन करेगी. होल्डिंग व अन्य टैक्स मदों के बकायदारों को सार्वजनिक भी करेगा.
निबंधन विभाग से 2.50 करोड़
निबंधन विभाग के अंतर्गत शहरी क्षेत्र के जमीन व मकानों के हस्तांतरण पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त स्टांप/मुद्रांक शुल्क के रूप में वसूल करती है. जिससे लगभग 02 करोड़ 50 लाख रुपये आने का अनुमान है.
प्रोफेशनल टैक्स से 40 लाख तो मार्केटिंग कॉम्पलेक्स से 43 लाख
प्रोफेशनल टैक्स से 40 लाख रुपये प्राप्ति का अनुमान है. जबकि सड़क किनारे लगने वाले अस्थायी दुकानों, वाहनों, नप के मार्केट से किराये के रूप में, नप के संपत्ति से किराया मद में 43 लाख रुपये आने का अनुमान है.
4.55 करोड़ कर्मियों के पीछे होगी खर्च
स्थापना व्यय मद के अंतर्गत नप के कर्मचारी के लिए वेतन, मजदूरी लाभ और भत्ते, पेंशन योगदान और सेवानिवृत्ति लाभ के लिए करीब 04 करोड़ 55 लाख का उपबंध किया गया है.
कार्यालय से संबंधित व्यय के लिए 01.56 करोड़ का प्रावधान
प्रशासनिक व्यय के अंतर्गत कार्यालय रख-रखाव का खर्च, संचार खर्च, किताबें व पत्रिकाएं, मुद्रण व लेखन सामग्री, यात्रा व वाहन, बीमा, अंकेक्षण शुल्क, विधि व्यय, सलाहकार व अन्य शुल्क, विज्ञापन एवं प्रकाशन, अन्य प्रशासन मद के व्यव में लगभग एक करोड़ 25 लाख रुपये व्यय का प्रावधान किया गया है.
परिचालन व संरक्षण सहित अन्य मद में 6.92 करोड़ लाख रुपये का उपबंध : परिचालन एवं संरक्षण मद के अंतर्गत बिजली व इंधन, स्टोर की खपत, भाड़ा, मरम्मत एवं रख-रखाव, इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स, नागरिक सुविधाएं, इमारतें, वाहन सहित अन्य रख-रखाव के व्यय के लि 06 करोड़ 92 लाख रुपये का उपबंध किया गया है.
नागरिकों के सुविधा मद में 61.73 करोड़ रुपये का प्रावधान
कार्याक्रम संबंधित व्यय मद के अंतर्गत संक्रामक रोगों के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए फोगिंग छिड़काव, प्राकृतिक आपदा, स्वच्छ शहर के लिए विशेष अभियान छठ, दीपावली आदि पर सफाई, प्याऊ मद, लाभुकों के लिए स्वच्छ भारत मिशन शौचालय निर्माण, कबीर अंत्येष्टी, एनयूएलएम अनुदान व्यय, सबके लिए आवास योजना आदि में लगभग 61 करोड़ 73 लाख रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है.
पूंजीगत व्यय के तहत 73.70 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान
पूंजीगत व्यय के अंतर्गत नगर पालिका के मार्केट कॉम्प्लेक्स, पुस्तकालय, वार्ड सभा कक्ष, रेन बसेरा, ओल्डऐज होम, पार्क, वेंडर जोन, सड़क व पुल, ड्रैनेज, सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था, संयत्रों और मशीनरी वाहन, कार्यालय एवं अन्य उपकरण, फर्नीचर, विद्युत उपकरण, निपटान के तहत संपत्ति इत्यादि मद में खर्च के लिए लगभग 73 करोड़ 70 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है.
जिसमें रोड़ निर्माण के लिए 24 करोड़, सीवेज व ड्रैनेज के लिए 10 करोड़, जलापूर्ति प्रणाली के लिए 05 करोड़, पब्लिक लाइट के लिए 01 करोड़ 50 लाख, सार्वजनिक शौचालय के लिए 60 लाख, ओपन जिम व पार्क के लिए 05 करोड़ रुपये, नये वेंडिंग जोन के लिए 03 करोड़ का उपबंध किया गया है. साथ ही बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के प्रावधान का पालन करते हुए शहरी गरीबों के लिए बुनियादी सेवा पर उपलब्ध राशि का 35.22 प्रतिशत अर्थात 57 करोड़ 28 लाख रुपये का उपबंध किया गया है.
ट्रेड लाइसेंस, भवन अनुज्ञा शुल्क सहित अन्य मदों से 01 करोड़ 86 हजार
फी व यूजर चार्ज के अंतर्गत आने वाले ट्रेड लाइसेंस, जन्म मृत्यु, अतिक्रमण हटाने का शुल्क, कर विलंब भुगतान के लिए जुर्माना, भवन अनुज्ञा शुल्क, पानी के टैंकर का शुल्क, सेप्टिक टैंक क्लीयरेंस आदि से लगभग 1 करोड़ 86 हजार रुपये के आय का संभावना.
फार्म व बीओक्यू से 13 लाख 90 हजार : फार्म और प्रकाशन की बिक्री(बीओक्यू) व उपकरण पर भाड़ा मद से करीब 13 लाख 90 हजार रुपये की आय की संभावना. केंद्र सरकार व राज्य सरकार से प्राप्तांश से 1 अरब 18 करोड़ 79 लाख : केंद्र सरकार व राज्य सरकार से प्राप्त होने वाले पूंजी व राजस्व अनुदान के रूप में स्वच्छ भारत मिशन, एनयूएलएम अनुदान, मुख्य पार्षद व अन्य पार्षदों के अनुदान, 14 वीं वीत्त, एचएफए योजना, मुख्यमंत्री नाली गली एवं पेयजल, पंचम वित्त आयोग अनुदान, राज्य योजना अनुदान आदि से लगभग 01 अरब 18 करोड़ 79 लाख करोड़ रुपये के प्राप्ति का अनुमान. मोबाइल टावर से 06 लाख 50 हजार रुपये की वसूली : नप क्षेत्र में कई मोबाइल कंपनी द्वारा मोबाइल टावर का अधिष्ठापन किया गया है.
सरकार द्वारा मोबाइल टावर शुल्क व नवीकरण शुल्क का निर्धारण किया गया है. जिसे मोबाइल टावर कंपनी को डिमांड बनाकर परिषद द्वारा नोटिस किया जाना है. भुगतान नहीं किये जाने की दशा में बिहार संचार मीनार नियमावली 2012 एवं बिहार नगर पालिका कर व गैर क विनियम 2014 के आधार के अंतर्गत मोबाइल टावरों को सील करते हुए कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इनसे लगभग 6 लाख 50 हजार रुपये वसूल होने की संभावना है.

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