चिकित्सकों की सुरक्षा को ले एक समान व कठोर कानून बने

फारबिसगंज : बंगाल के कोलकाता में चिकित्सक पर हुए हमले के बाद आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों के द्वारा एक दिवसीय हड़ताल कर अपने विरोध जताने के क्रम में ही आईएमए से जुड़े स्थानीय चिकित्सकों की एक महत्वपूर्ण बैठक फारबिसगंज में हुई. इसमें पूरे देश में चिकित्सीय सेवा के दौरान चिकित्सकों के साथ होने वाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2019 7:40 AM

फारबिसगंज : बंगाल के कोलकाता में चिकित्सक पर हुए हमले के बाद आईएमए के आह्वान पर चिकित्सकों के द्वारा एक दिवसीय हड़ताल कर अपने विरोध जताने के क्रम में ही आईएमए से जुड़े स्थानीय चिकित्सकों की एक महत्वपूर्ण बैठक फारबिसगंज में हुई. इसमें पूरे देश में चिकित्सीय सेवा के दौरान चिकित्सकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार सहित हमले के मामले में गहरी चिंता जतायी गयी.

इस मौके आईएमए के राज्य कार्यसमिति सदस्य सह जिला वीवीडी ऑफिसर डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि यूं तो आज के बंदी के दौरान सारे निजी चिकित्सक अपने किलिनिक को बंद कर अपना विरोध प्रकट कर रहे हैं, लेकिन सभी सरकारी व निजी चिकित्सकों ने इस बात का ध्यान रखा है कि उनकी मांग व लड़ाई सरकार से है न कि मरीजों के साथ.
इसलिए सभी निजी क्लीनिक संचालक चिकित्सकों ने किसी भी प्रकार के आपात स्थिति से निपटने के लिए व इमरजेंसी रोगियों को चिकित्सीय सेवा देने के लिए अपना क्लीनिक बंद कर दिन भर अनुमंडलीय अस्पताल में सेवा दे रहे हैं.
देश भर में एक ही कड़ा कानून होना चाहिए, जिससे कि डॉक्टरों की सुरक्षा पर किसी तरह की आंच न आये. बैठक में मुख्य रूप से डॉ श्री सिंह के अलावा डॉ मो अतहर,दो आशुतोष कुमार,डॉ संजीव कुमार यादव,डॉ एमपी गुप्ता,डॉ विनोद कुमार मिश्रा,डॉ तरुण कुमार सिंह,डॉ एनएल दास सहित अन्य चिकित्सक गण मौजूद थे.

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