सदर अस्पताल की ओपीडी बंद, आपातकाल सेवा रही चालू, पांच सौ मरीज बिना इलाज के ही लौटे

अररिया : कोलकाता में चिकित्सक पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में सोमवार को सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने के कारण दूर से आये रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जबकि सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर ओपीडी सेवा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2019 7:44 AM

अररिया : कोलकाता में चिकित्सक पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में सोमवार को सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. चिकित्सकों के हड़ताल पर रहने के कारण दूर से आये रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जबकि सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर ओपीडी सेवा को बाधित कर सरकार का विरोध जताया. वहीं सदर अस्पताल की ओपीडी सेवा बंद रहने से 500 से अधिक सामान्य मरीजों को बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ा. हालांकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सदर अस्पताल की आपातकाल सेवा चालू रखी गयी थी.

सदर अस्पताल में बिना इलाज कराये लौटे लौटे मरीज जोकीहाट निवासी मो रमजान, मो इलियास, रामपुर निवासी साजिया, अजमतपुर निवासी अंजली देवी, गीतवास निवासी मो दिलवर आदि मरीजों ने बताया कि हम सोमवार सुबह ही इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में आये थे. यहां आने के बाद पता चला कि सभी चिकित्सक हड़ताल पर हैं. इस कारण हम लोग बिना इलाज कराये ही लौटने को मजबूर हैं.
आपातकाल से निबटने के लिए सदर अस्पताल में थी तैयारी : सदर अस्पताल प्रशासन को पूर्व से ही स्वास्थ विभाग की ओर से अलर्ट कर दिया गया था. क्योंकि निजी क्लीनिक बंद रहने के कारण मरीजों की संख्या में सदर अस्पताल में ही मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना जाहिर की गयी थी. इसको देखते हुए सदर अस्पताल के प्रशासन ने आपातकाल से निपटने के लिए किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसकी तैयारी पूर्व से कर ली गयी थी.
अस्पताल प्रबंधक नाजिश अहमद नियाज ने बताया कि आपातकाल सेवा में मरीजों की परेशानी न हो इसके लिए आपातकाल समय की कमी दवा को पूरा कर लिया गया था. क्योंकि यह पता था कि सदर अस्पताल का ओपीडी व सभी निजी क्लीनिक बंद रहेंगे. इस कारण मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी होने के बाद सीधे सदर अस्पताल पहुंचेंगे.
सरकार विरोध में निजी क्लीनिक भी रहे बंद
सरकार के विरोध में पूरे भारत में सरकारी व गैर सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. इस दौरान अररिया के निजी क्लीनिक चला रहे चिकित्सक भी हड़ताल पर रहे. इस दौरान सभी चिकित्सकों ने अपनी सुरक्षा की मांग पर अड़े हैं. निजी क्लीनिक चला रहे चिकित्सक डॉ अभय कुमार ने बताया कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक पर कुछ लोगों द्वारा हमला किया गया था, जो जिंदगी और मौत से लड़ रहा है.
सदर अस्पताल में ओपीडी सेवा बाधित रहा. हालांकि मरीजों को परेशानी ना हो.इसके लिए आपातकाल सेवा चालू रहा. आपातकाल में सिर्फ आपातकाल मरीजों का ही इलाज हो पाया. जबकि समान मरीजों को बिना इलाज कराए ही लौटना पड़ा. सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आज हम लोग ओपीडी सेवा बंद कर हड़ताल पर है.
सिर्फ आपातकाल सेवा चालू है. इधर सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ आरएन सिंह व उपाधीक्षक डॉक्टर जेएन माथुर ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा पूरे भारत में चिकित्सक हड़ताल पर हैं.इस दौरान सरकारी व गैर सरकारी सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहे. मरीजों को जान ना जाए इसके लिए सिर्फ सदर अस्पताल का ओपीडी सेवा ही चालू रखा गया है.
सोमवार को ओपीडी में होती है अधिक भीड़
रविवार को सदर अस्पताल का ओपीडी बंद रहता है. इस कारण सोमवार को ओपीडी में मरीजों की संख्या अच्छी खासी रहती है. इसलिए सोमवार को सदर अस्पताल में सामान्य मरीजों की अच्छी खासी भीड़ देखी गयी. स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी अनुसार सोमवार को छोड़कर 500 से 700 मरीज ओपीडी सेवा में इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. जबकि इन दिनों की अपेक्षा सोमवार को 100 से 200 तक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होती है. क्योंकि रविवार को सदर अस्पताल का ओपीडी बंद रहता है.
सदर अस्पताल में मरीजों ने किया हंगामा
अररिया. सदर अस्पताल में एक मरीज को रेफर किए जाने के विरोध में हंगामा किया. हालांकि कुछ लोगों द्वारा समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हो गया. बताया जाता है कि फरासत निवासी मोहम्मद तबरेज अपने बेटी चंदा खातून को इलाज के लिए एक निजी चिकित्सक के पास ले गया था. वहां पर चिकित्सक से मुलाकात नहीं हुई. उनकी ड्यूटी सदर अस्पताल में थी.
जिसके बाद रोगी को सदर अस्पताल ले जाया गया , उसकी गंभीर स्थिति देखने के बाद से उस चिकित्सक ने रेफर कर दिया. इस दौरान उस मरीज के परिजन सदर अस्पताल पहुंच गये और रेफर िकये जाने के विरोध में हंगामा किया. हालांकि कुछ लोगों द्वारा समझाने बुझाने के बाद मामला शांत हो गया.

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