बारिश के साथ गर्मी, लोग हो रहे बीमार
हेमंत कुमार हीरा, अररिया : जिले में शनिवार से मानसून ने दस्तक दे दी है. जिले में रुक-रुक कर बारिश होना भी शुरू हो गया है. इसमें फुहारों से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन बरसात का सुहाना मौसम अपने साथ अनेक बीमारियां भी साथ लाता है. बरसात के इस मौसम में कालरा, पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, फूड […]
हेमंत कुमार हीरा, अररिया : जिले में शनिवार से मानसून ने दस्तक दे दी है. जिले में रुक-रुक कर बारिश होना भी शुरू हो गया है. इसमें फुहारों से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन बरसात का सुहाना मौसम अपने साथ अनेक बीमारियां भी साथ लाता है. बरसात के इस मौसम में कालरा, पेचिस, दस्त, गैस्ट्रोइंट्राइटिस, फूड प्वाइजनिंग, बदहजमी के साथ मलेरिया, वायरल फीवर, डेंगू, चिकुनगुनिया, कन्जेक्टवाइटिस, पीलिया, टाइफाइड बुखार,फोड़े-फंसी सोत अन्य रोगों के आक्रमण की संभावना बढ़ जाती है.
ऐसी स्थिति में कुछ सावधानियां अपनाकर बरसात की बीमरियों से बचा जा सकता है. अगर इस मौसम में थोड़ी भी लापरवाही बरती जाए तो कई प्रकार की बीमारियों की चपेट में लोग आ जाते हैं. इस कारण मौसमी की मार के कारण सदर अस्पताल में बरसात से पनपने वाली बीमारियों की संख्याओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
सदर अस्पताल में बढ़ी मौसमी बीमारों की संख्या: सदर अस्पताल के प्रशासन माने तो बदलते मौसम के साथ-साथ मौसम से प्रभावित होने वाली बीमारियों वाली मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. मिली जानकारी अनुसार 100 में से 40 से 50 प्रतिशत मरीज मौसम से प्रभावित बीमार होने के बाद इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में पहुंच रहे हैं. इसमें उल्टी दस्त ,बुखार आदि मरीजों की संख्या अधिकांश देखी जा रही है.
दूषित पानी न पियें: सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र प्रसाद बताते हैं कि बरसात के मौसम में पानी प्रदूषित हो जाता है. इस मौसम में वैक्टीरिया एवं वायरस तेजी के साथ पनपते हैं. भोजन बहुत जल्दी प्रदूषित हो जाता है.
प्रदूषित पानी एवं खाने-पीने की चीजों से कालरा, गस्ट्रोइंट्राइटिस, दस्त, पेचिस आदि गंभीर रोग हो सकते हैं. इससे बचाव के लिये साफ पानी पिये, बासी भोजन, खुले एवं कटे फल, खुली चाट-पकौड़ी एवं भोजन आदि का प्रयोग न करें. दस्त आदि होने पर तत्काल ओआरएस का घोल लेना प्रारंभ कर दें.
इस मौसम में हो सकती है कई प्रकार की बीमारियां: सदर अस्पताल के चिकित्सकों बताते की बरसात के मौसम में गंदगी एवं जल-भराव के कारण मच्छर तेजी के साथ पनपते हैं. जिससे मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है. मलेरिया से बचने के लिए आस-पास की साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है.
आस-पास पानी व इकट्ठा होने न दें. इससे मच्छर न पनप सके तथा मच्छर दानी लगाकर सोना चाहिए. चिकित्सक एवं ही बताते हैं कि बरसात के मौसम में वायरल फीवर बहुत तेजी के साथ फैलता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इससे बचने के लिए रोगी व्यक्ति से सम्पर्क नहीं रखना चाहिए.
बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की सम्भावना ज्यादा रहती है. डेंगू बुखार वायरल बुखार है जो मानसून के दौरान मादा एडिज इजिप्टी नामक मच्छर द्वारा फैलता है. इसमें तेज बुखार सिर दर्द आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, जी मिचलाना और उल्टी आना, जोड़ों और मांसपेसियों में ऐठन और अकड़न, त्वचा पर चक्कते उभरना शारीरिक कमजोरी एवं थकान आदि के लक्षण होते है. यह लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए.
घर के आसपास नहीं जमा होने दें पानी
सदर अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि घर अच्छी तरह से साफ-सुथरा रखें. घर व आसपास पानी न जमा होने दें. ताकि मच्छर न पनप सकें. शरीर पर पूरे कपड़े पहने. इस मौसम में चिकुनगुनिया बुखार भी काफी फैलता है.इसका वायरस भी एडिज मच्छर की एक प्रजाति द्वारा फैलता है. इसमें तेज बुखार जोड़ों में अकड़न तेज दर्द, यहां तक की चलना फिरना भी मुश्किल हो जाता है.
यह दर्द काफी दिन तक रहता है. इससे बचाव के लिये भी मच्छरों से बचाव जरूरी है. भीड़-भाड़ वाले इलाके से बचना चाहिए बरसात के मौसम में पानी में सालमोनेला टाइफी वैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है.जिसके कारण टाइफाइड बुखार हो जाता है. इससे बचाव के लिए पानी उबाल कर पीना चाहिए तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. रोगी व्यक्ति को खुले में शौच नहीं करना चाहिए.
बासी व खुले भोजन से करें परहेज: बताया जाता है कि बरसात के मौसम में पीलिया का खतरा बढ़ जाता है. यह हैपेटाइटिस वायरस के संक्रमण के कारण होता है. यह संक्रमण भोजन एवं पानी, फल एवं पेय पदार्थी के कारण फेलता है. इससे बचने के लिए बाजार के खुले एवं पेय पदार्थों के द्वारा फैलता है.
इससे बचने के लिए बजार के खुले भोजन, कटे फल, प्रदुषित पेय पदार्थों से बचना चाहिए. बरसात के मौसम में अपच, बदहजमी, गैस, खट्टी डकारें आदि की समस्या हो जाती है. क्योंकि शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है, साथ ही गरिष्ठ भोजन का प्रयोग बढ़ जाता है. इससे बचने के लिये शारीरिक सक्रियता बनाये रखें, साथ ही हल्का व सुपाच्य भोजन करें.
बढ़ जाती है त्वचा से जुड़ी परेशानी: बरसात के बाद गंदगी भरे मौसम में बैक्टरिया, पैरासाइट, फंगस आदि त्वचा को संक्रमित कर देते हैं. इसके कारण फोडे़-फूंसी, खुजली, दाद, फफोले, घमौरी, विषैले फोडे़ आदि की संभावना ज्यादा रहती है. इससे बचने के लिए गंदे एवं प्रदूषित पानी से बचना चाहिए एवं साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए.
आंखों का भी रखें ख्याल
चिकित्सक बताते हैं कि बरसात के मौसम में नेत्र प्रदाह (कन्जेक्टवाइटिस) ज्यादा तेजी के साथ फैलता है. इसमें आखों में जलन, दर्द, आखों का लाल होना, कीचड़ आना एवं आखों से पानी आने की समस्या हो जाती है. इससे बचने के लिए पीड़ित रोगी से व्यक्तिगत सम्पर्क व उसके कपड़ों जैसे रूमाल, तौलिया, के प्रयोग एवं हाथ मिलाने से बचना चाहिए. तेज धूप से बचना चाहिए, आखों को ठंडे पानी से बार-बार धोना चाहिए.
बरसात में सर्दी जुकाम है आम: बरसात के मौसम में सर्दी-जुकाम, फ्लू आदि तेजी के साथ फैलता है. इससे बचने के लिए साफ-सफाई व व्यक्तिगत संपर्क से बचना चाहिए. बरसात के पानी से ज्यादा देर तक भीगने एवं भीगे कपड़े पहने रहने से बदन में दर्द आदि हो सकता है.
इसलिए भीगने के तुरन्त शरीर पोछ लेना चाहिए तथा तत्काल सूखे कपडे़ पहनने चाहिए. बरसात के मौसम की ज्यादातर बीमारियां गंदगी, संक्रमित भोजन एवं पानी के कारण फैलती है. इसलिए यदि हम गन्दगी को दूर कर दें एवं प्रदूषित भोजन एवं पानी का प्रयोग न करें. बरसात के मौसम में पानी उबालकर पीयें. पत्तेदार सब्जियों को खाने से बचें.
सक्रिय है सदर अस्पताल की पूरी टीम
जिले में बरसात शुरू हो गयी है. इससे सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी बढ़ रही है. खासकर संक्रमण रोगी की संख्या सदर अस्पताल में बढ़ी है. इसलिए मरीजों किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सदर अस्पताल की पूरी टीम काफी सक्रिय है.
डॉक्टर जेएन माथुर, प्रभारी अधीक्षक सदर अस्पताल