सांप के डसने से महिला की मौत, लगा आरोप

अररिया : फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल से रेफर होने के बाद बुधवार को सर्पदंश पीड़ित को इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया. जानकारी के अनुसार सिमराहा थाना क्षेत्र के झिडवा निवासी भोला बहारदार की पत्नी रीता देवी को घर में काम करने के दौरान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2019 8:19 AM

अररिया : फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल से रेफर होने के बाद बुधवार को सर्पदंश पीड़ित को इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया. जहां चिकित्सकों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया. जानकारी के अनुसार सिमराहा थाना क्षेत्र के झिडवा निवासी भोला बहारदार की पत्नी रीता देवी को घर में काम करने के दौरान एक जहरीले सांप ने काट लिया था.

परिजनों ने आनन-फानन में इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया. जहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया. जहां महिला को सदर अस्पताल आने के क्रम में ही रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. मृतक के परिजनों ने अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
मृतका के परिजनों ने बताया कि महिला को रीता देवी को सांप काटने के बाद उसे तुरंत अनुमंडल अस्पताल में ले जाया गया. जहां से उसे रेफर कर दिया रेफर करने के बाद भी उसे सरकारी स्तर पर एंबुलेंस नहीं दी गयी. निजी एंबुलेंस सदर अस्पताल आने के कारण सदर अस्पताल आने के कारण के लिए दिया गया. जिसमें एक हजार का भाड़ा भी देना पड़ा.
सदर अस्पताल लाने के बाद चिकित्सक द्वारा जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया गया. इधर सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि महिला को अति गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में लाया गया था. जहां सदर अस्पताल लाने से पूर्व ही उसकी रास्ते में ही मौत हो गयी थी. रीता देवी की मौत के बाद उसे निजी एंबुलेंस से ही सदर अस्पताल से घर ले जाया गया.
रेफर के चक्कर में रीता देवी की गयी जान
एक बार फिर से डॉक्टरों द्वारा रेफर किये जाने के बाद किसी मरीज की मौत हुई है. इससे पहले भी जिले में गंभीर मरीजों को रेफर किये जाने पर उसकी या तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही या फिर अस्पताल पहुंचने पर मौत हो चुकी है. रीता देवी के साथ भी ऐसा ही हुआ.
मृतका महिला के परिजनों ने बताया कि जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दवा दी जाती है तो, रेफर करने का कोई तुक ही नहीं बनता है. इतना ही नहीं अनुमंडल अस्पताल से रेफर करने के बाद ही हमें सरकारी एंबुलेंस भी मुहैया नहीं करायी गयी. निजी खर्चे से एंबुलेस कर शव घर लाया है.

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