गांधी जयंती : महामारी के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पहुंचे थे अररिया, दान में जमीन देकर लोगों ने बनवाया था आश्रम

अररिया : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अररिया से गहरा लगाव था. इसका प्रमाण आज भी अररिया में देखने को मिलता है. शहर के रामकृष्ण सेवा आश्रम ट्रस्ट के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सदस्य भी रह चुके हैं. राष्ट्रपिता 1925 में अररिया अररिया आये थे. रामकृष्ण सेवा आश्रम के स्वामी बेलूरमंठ के स्वामी महादेवानंद जी से राष्ट्रपिता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2019 12:33 PM

अररिया : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अररिया से गहरा लगाव था. इसका प्रमाण आज भी अररिया में देखने को मिलता है. शहर के रामकृष्ण सेवा आश्रम ट्रस्ट के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सदस्य भी रह चुके हैं. राष्ट्रपिता 1925 में अररिया अररिया आये थे. रामकृष्ण सेवा आश्रम के स्वामी बेलूरमंठ के स्वामी महादेवानंद जी से राष्ट्रपिता को काफी गहरा लगाव था. इस दौरान 1925 में अररिया में महामारी फैली थी. इसके बाद बेलूरमंठ के महंत महादेवा नंद जी अररिया आये और लोगों को महामारी से मुक्ति दिलायी. इस दौरान अररिया में रामकृष्ण सेवा आश्रम ट्रस्ट बनाया. ट्रस्ट बनाने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी महादेव आनंद जी से मिलने आये और उनके ट्रस्ट के सदस्य भी बने.

साथ ही उस ट्रस्ट के उज्जवल भविष्य के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने लिखित तौर पर कामना भी की. इसका प्रमाण आज भी रामकृष्ण सेवा आश्रम में है. रामकृष्ण सेवा आश्रम के पुजारी स्वरूपानंद जी महाराज ने बताया कि 1922 में अररिया में महामारी फैली थी. महामारी फैलते देख बेलूर मंठ कल्लकता से स्वामी महादेव आनंद लोगों के इलाज के लिए अररिया आये. इस दौरान अररिया के लोगों का इलाज किये और इलाज के बाद महामारी खत्म हो गयी.

इसी दौरान स्वामी को अररिया के लोगों को काफी लगाव हो गया. लोगों ने उसे अपनी जमीन देकर अररिया में आश्रम बनने का निर्णय लिया. इस दौरान आश्रम बनाने के बाद वह आश्रम में रहने लगे. इससे पूर्व लोगों के सहयोग से राम कृष्ण आश्रम के नाम से स्वामी महादेव ने ट्रस्ट बनाया था. बापू अररिया आने के बाद इस ट्रस्ट के सदस्य बने. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया पत्र आज भी रामकृष्ण सेवा आश्रम में संभाल कर रखा गया है.

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