नियोजन सह परामर्श केंद्र का खास्ता हाल, खराब है टोकन वेडिंग मशीन

अररिया : सरकार के सात निश्चय योजना के तहत युवाओं को केंद्रित जिले में बनाया गया जिला नियोजन सह परामर्श केंद्र की हालत खस्ता है. करोड़ों की लागत से स्थापित किये डीआरसीसी केंद्र स्थापना के महज तीन साल बाद ही व्यवस्थागत पेंचिदगियों में फंस कर दम तोड़ता नजर आ रहा है. केंद्र के माध्यम से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 8:33 AM

अररिया : सरकार के सात निश्चय योजना के तहत युवाओं को केंद्रित जिले में बनाया गया जिला नियोजन सह परामर्श केंद्र की हालत खस्ता है. करोड़ों की लागत से स्थापित किये डीआरसीसी केंद्र स्थापना के महज तीन साल बाद ही व्यवस्थागत पेंचिदगियों में फंस कर दम तोड़ता नजर आ रहा है. केंद्र के माध्यम से युवाओं को उपलब्ध करायी जाने वाली सेवाएं स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रमों का सफल कार्यान्वयन भी प्रभावित हो रहा है.

केंद्र पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. भवन की हालत भी धीरे-धीरे जर्जर होने लगे हैं. केंद्र से जुड़े कई जरूरी उपकरणों के खराब होने के कारण केंद्र का सही लाभ युवाओं को नहीं मिल पा रहा है. इसका खुलासा उपमिशन निदेशक की जांच में भी हो चुका है. 24 नवंबर 2017 को केंद्र के निरीक्षण के उपरांत उपमिशन निदेशक ने केंद्र के संचालन में कई कमियां पायी.
इसके दो साल बाद भी इन कमियों का निदान नहीं हो सका है. जांच में बरसात के समय में भवन में पानी का रिसाव, टोंकन वेडिंग मशीन के खराब होने होने, केंद्र पर स्थापित एक मात्र यूपीएस के खराब होने सहित राउटर की खराबी की बात जांच में सामने आयी थी. इसमें से बहुत सी कमियों पर अब तक कोई काम नहीं हो सका है.
नोडल पदाधिकारी को कई बार लिखा, नहीं हुई मरम्मत : डीआरसीसी के केंद्र प्रबंधक रवि कुमार ने बताया कि केंद्र पर लगी टोंकन वेंडर मशीन के खराब होने संबंधी सूचना उपलब्ध कराते हुए कई बार केंद्र के नोडल पदाधिकारी को इसकी मरम्मत के लिए पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन इसकी मरम्मत की दिशा में अब तक किसी तरह का कोई प्रयास सिफर ही रहा है.
अब तक एक-दो बार ही हुई है मरम्मत
डीआरसीसी केंद्र पर लगा टोंकन वेडिंग मशीन स्थापना काल से ही खराब है. एक दो बार इसकी मरम्मत करायी गयी. लेकिन स्थिति यथावत बनी हुई है. केंद्र द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का लाभ उठाने के लिये पहुंचने वाले छात्रों के निबंधन के पश्चात उन्हें एक टोंकन सौंपा जाता है. फिर इसी टोंकन के आधार पर विभिन्न सेवाओं के लिये निबंधन कराने वाले छात्रों को निर्धारित काउंटर पर बुला कर शेष प्रक्रिया का निपटारा किया जाता है.
मालूम हो कि छात्रों को सौंपे गये टोंकन व इससे जुड़ी कार्रवाई की मानेटरिंग का ऑन लाइन इंतजाम है. टोंकन मशीन खराब रहने से राज्य स्तर पर इसकी मोनटरिंग नहीं हो पा रहा है. जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में कार्यालय व्यय, संविदा सेवाएं सहित अन्य मद में राज्य सरकार द्वारा कुल आठ लाख रुपये उपलब्ध कराये गये.
इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत जिला योजना पदाधिकारी को एक करोड़ 48 लाख 19 हजार 600 रुपये उपलब्ध कराया गया है. इसमें कार्यालय व्यय, दूरभाष, संविदा सेवाओं के लिये उपलब्ध कराया गया था.

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