बच्चों में भी घुल रहा मीठा जहर, बढ़ रहे हैं डायबिटीज के मरीज, जानें क्‍या है इसके कारण और बचाव के उपाये

हेमंत हीरा, अररिया : डायबिटीज की बीमारी इन दिनों आम हो गयी है. खासकर छोटे-छोटे बच्चों में भी अब डायबिटीज का यह मीठा जहर घुलने लगा है. सदर अस्पताल में रोजाना नये दर्जनों डायबिटीज मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इनमें जांच के लिए आये 100 में 10 से 15 मरीज डायबिटीज के ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2019 8:45 AM

हेमंत हीरा, अररिया : डायबिटीज की बीमारी इन दिनों आम हो गयी है. खासकर छोटे-छोटे बच्चों में भी अब डायबिटीज का यह मीठा जहर घुलने लगा है. सदर अस्पताल में रोजाना नये दर्जनों डायबिटीज मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. इनमें जांच के लिए आये 100 में 10 से 15 मरीज डायबिटीज के ही मिल रहे हैं.

इस कारण जिले में डायबिटीज महामारी का रूप धारण करती लग रही है. प्राइवेट समेत सरकारी अस्पतालों में आने वालों मरीजों ज्यादातर मरीज डायबिटीज के ही मिल रहे हैं. निजी पैथोलॉजी संचालनकर्ताओं के अनुसार उनके यहां जांच को पहुंचने वालों में अधिकांश मरीज मधुमेह से पीड़ित होते हैं. जबकि सदर अस्पताल के चिकित्सकों का भी यही कहना है.
सालों से बंद पड़ा है सदर अस्पताल का टेलीमेडिसिन जांच केंद्र
सदर अस्पताल में बना टेलीमेडिसिन सेंटर सालों से बंद पड़ा है. बताया जाता है कि टेलीमेडिसिन सेंटर संचालनकर्ताओं का भुगतान सरकार की तरफ से नहीं होने के कारण यह केंद्र बंद है. जबकि जानकार बताते हैं कि टेलीमेडिसिन सेंटर डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान था, क्योंकि वहां कम पैसों में बेहतर उपचार हो पाता था.
जानकार बताते हैं कि सदर अस्पताल कि जांच केंद्रों में काफी भीड़भाड़ आने के कारण काफी परेशानी होती है. ऐसे में डायबिटीज का जांच कराने के बाद रिपोर्ट आने में भी समय लगता है. सदर अस्पताल प्रशासन के अनुसार टेलीमेडिसिन सेंटर 2014 में ही टेंडर खत्म हो गया, जिस कारण यह बंद पड़ा है.
डायबिटीज के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है लापरवाही
चिकित्सकों के अनुसार डायबिटीज रोगियों को अपने इलाज के प्रति गंभीर रहना चाहिए. ऐसे मरीजों को खान-पान में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. जानकारी के मुताबिक देश में नेत्रहीनता के बढ़ रहे मामलों के पीछे डायबिटीज बड़ा कारण बनकर सामने आ रहा है. डायबिटीज रोगियों के अपने खान-पान व इलाज के प्रति थोड़ी सी लापरवाही के कारण वे आसानी से मस्तिष्क आघात, दृष्टिहीनता, हृदयाघात, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं.
खानपान में इन चीजों से परहेज जरूरी
चिकित्सकों की राय के मुताबिक मीठे चीजों से डायबिटीज रोगियों को हमेशा परहेज करना चाहिए. जलेबी, लड्डु, गुलाब जाबुन, बरफी, क्रीम बिस्किट, ग्लूकोज, कैंडी चॉकलेट, डिब्बे वाले फल, शराब, सॉफ्ट ड्रिंक, मीठे जूस, केक, आलू के चिप्स, तला हुआ नमकीन, बेकरी के समान, कुकीज, तले हुए चीजों से हमेसा परहेज करना चाहिए. इन चीजों के सेवन से शरीर में सुगर के स्तर के बढ़ने का खतरा रहता है.
डायबिटीज मरीजों के लिए जांच व दवा है उपलब्ध
सदर अस्पताल में डायबिटीज मरीजों का इलाज होता है. इसके लिए एनसीडी क्लीनिक में विशेष तौर पर इलाज के लिए व्यवस्था है. साथ ही डायबिटीज मरीजों की जांच व दवा सदर अस्पताल में उपलब्ध है. यहां रोजाना 50 से 60 मरीजों का इलाज होता है. इनमें डायबिटीज मरीजों के लिए तुरंत शुगर जांच हो यह व्यवस्था की गयी है. बीते छह माह में 4577 मरीजों की जांच की गयी, जिसमें 363 लोग डायबिटीज के मरीज मिले.
विकास आनंद, सदर अस्पताल प्रबंधक
डायबिटीज की ये हैं लक्षण
डायबिटीज रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ अभय कुमार बताते हैं कि डायबिटीज रोग के साथ एक खास बात यह है कि इसमें रोगी को रोग का पता देरी से चल पाता है. चिकित्सकों के मुताबिक कुछ सामान्य बातों का ध्यान रख कर रोग की पहचान संभव है.
इसमें अधिक भूख व प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना खास कर रात में, थकान व दुर्बलता महसूस होना, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, नजर कमजोर पड़ना आदि. इसके अलावा नपुंसकता, पैरों में झनझनाहट, लगातार वजन घटना डायबिटीज के सामान्य लक्षण हैं. ऐसी किसी भी शिकायत होने पर रोगी को यथाशीघ्र अपने नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी माना जाता है.
मरीज खान-पान में इसे करें शामिल
डॉ अभय कुमार के अनुसार हरी सब्जियां, बथुआ साग, चुकंदर, ब्रोकोली, बैंगन, पत्ता गोभी, गाजर, मूली, खीरा, लहसुन, लौकी, हरा मटर, हरा सेम, मशरूम, जैतून, प्याज, पालक, टमाटर, शलगम का सेवन रोगियों के लिए लाभकारी है.
गेंहू के आटे, भूरा चावल, जई, जौ, मकई भी खान-पान में शामिल किया जाना चाहिए. बिना मिठास वाले साबुत अनाज मकई, जौ चोकर, गेंहू का दलिया, जई, राई साबुत, अनाज वाले ब्रेड. मैरी बिस्किट, अधिक फाइबर युक्त बिस्किट भी रोगियों का लाभ पहुंचाता है. डायबिटीज रोगियों को खास तौर पर जामुन, कीबी, अमरूद, खरबूजे, संतरे, बेर, पपीता जैसे फलों के सेवन की चिकित्सकीय सलाह दी जाती है.

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