स्वीकृत भवन नक्शे में हो वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
अररिया : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला में पहुंचे अररिया नप के मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय ने समस्याओं को प्रमुखकता के साथ उठाया. उनके द्वारा किये गये सवालों पर सभा में मौजूद नगर विकास मंत्री व प्रधान सचिव ने भी अपनी सहमति प्रदान की. कुछ ऐसी […]
अररिया : नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला में पहुंचे अररिया नप के मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय ने समस्याओं को प्रमुखकता के साथ उठाया. उनके द्वारा किये गये सवालों पर सभा में मौजूद नगर विकास मंत्री व प्रधान सचिव ने भी अपनी सहमति प्रदान की.
कुछ ऐसी घोषणाएं भी हुई जिनकी नगर निकाय चुनाव में बदलाव की आवयकता भी है. यह बातें खास बात-चीत में मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय ने बतायी. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जल जीवन हरियाली समीक्षा यात्रा के क्रम में सीएम नीतीश कुमार को अविश्वास चुनाव की प्रक्रिया को लेकर एक ज्ञापन दे दिया गया था.
जिस पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला में भी मेरे द्वारा सवाल किया गया. इस प्रश्न का जबाव देते हुए मंत्री ने द्वितीय सत्र में यह घोषणा किया कि अविश्वास की प्रक्रिया पूरे कार्य अवधि में सिर्फ एक बार होगी. पूराने नियमावली से विकास बाधित होता है, इसलिए पांच साल की कार्य अवधि में सिर्फ एक बार ही अविश्वास का प्रावधान होगा.
यह प्रक्रिया बिहार के सभी नगर निकायों के लिए मील का पत्थर साबित होगा. मुख्य पार्षद ने आगे बताया कि उनके द्वारा अररिया नप की समस्याओं से नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा जी को अवगत कराया गया. साथ ही समस्याओं से निदान के लिए अपने व्यक्तिगत सुझाव भी उनके द्वारा दिये गये.
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड(इइएसएल) द्वारा अब तक नप अररिया में कार्य नहीं किये जाने पर सभाभवन में मुख्य पार्षद के द्वारा विरोध किया गया. जिसका समर्थन सभा में उपस्थित सभी नगर निकायों के प्रतिनिधियों ने किया. प्रमंडल स्तर पर गठित इंजीनियरिंग सेल द्वारा समय नहीं देने व विकास कार्य अवरुद्ध होने की बात उनके द्वारा बताया गया.
जिसे 15 दिनों के अंदर सुधार कर लेने की बात कही गयी. जल जीवन हरियाली की महत्ता पर भी सुझाव दिये बताया कि निकायों से स्वीकृत होने वाले भवन के नक्शे में वर्षा जल संचय के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का होना अनिवार्य किया जाये. साथ ही बनने वाले वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम पर सरकार सब्सिडी का प्रावधान करें.
जिस पर तत्काल अमल में लाने का आदेश प्रधान सचिव व मंत्री ने दिया. भोजन के बाद द्वितीय सत्र अवधि में उन्होंने इसकी घोषणा की और बताया कि अविश्वास की प्रक्रिया पूरे कार्य अवधि में सिर्फ एक बार होगी पुराने नियमावली से विकास बाधित होता है. इसलिए पांच साल की कार्य अवधि में सिर्फ एक बार ही अविश्वास का प्रावधान होगा.
मेयर व मुख्य पार्षद को बॉडीगार्ड कराया जायेगा उपलब्ध :मुख्य पार्षद रीतेश कुमार राय ने बताया कि नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव ने अपने संबोधन में कहा कि नगर निकाय क्षेत्र में सरकारी जमीन पर स्वामित्व नगर निकाय का होना चाहिए ऐसा नहीं होने से नगर निकाय को इंफ्रास्ट्रक्चर वर्क करने के लिए अनापत्ति प्रमाण का इंतजार करना होता है, जिससे कार्य सही समय पर नहीं हो पाता है.
इसके निदान के लिए उन्होंने बताया कि नगर निकाय क्षेत्र के अंतर्गत वैसी सरकारी भूखंड जो जिला परिषद या अन्य के नाम से है उनको विभागीय स्तर से नगर निकाय को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया हम लोगों के द्वारा प्रस्ताव में लेकर की जा रही है. नगर निकाय में अतिक्रमण हटाने व अवैध निर्माण को रोकने के लिए नगर परिषद में सुरक्षा बल होना आवश्यक है.
सुरक्षा बल की कमी के कारण नगर निकाय सही तरीके से काम नहीं कर पा रही है. अतः जल्द ही सभी निकायों को विभाग से फोर्स उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही साथ मेयर व मुख्य पार्षद को उनकी सुरक्षा के लिए बॉडीगार्ड भी मुहैया कराया जायेगा. निकाय के कर्मियों के लिए उनकी सेवा समाप्त होने पर उनका रिटायरमेंट लाभ रिटायरमेंट के दिन ही प्राप्त होगा.
ऐसा निर्देश विभाग के द्वारा जारी किया जा रहा है. कच्ची नाली-गली योजना के अंतर्गत ऐसे कार्य जो अब तक सूची में सम्मिलित नहीं हो पाये हैं, वैसी योजनाओं को कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता व सिटी मैनेजर से हस्तांतरित करा कर मार्च तक भिजवाने का कार्य करें व यह कच्ची नाली गली योजना की अंतिम सूची होगी. प्रत्येक निकाय में कंप्यूटर ऑपरेटर का अभाव है. जिस वजह से सही समय पर काम नहीं हो पाता है.
इसलिए नगर निगम में सात कंप्यूटर ऑपरेटर, नगर परिषद में पांच कंप्यूटर ऑपरेटर व नगर पंचायत में तीन कंप्यूटर ऑपरेटर अनिवार्य तौर पर विभाग से उपलब्ध कराये जायेंगे. सही व सुदृढ़ तरीके से सफाई व्यवस्था को मॉनेटरिंग करने के लिए प्रत्येक वाहन में जीपीएस लगाना की भी अनिवार्यता बतायी गयी.