जन्म-मृत्यु पंजीकरण में करें सहयोग

अररिया : जिले में जन्म व मृत्यु निबंधन के प्रतिशत को बढ़ाने में अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों के आवश्यक सहयोग के लिए जिला सांख्यिकी कार्यालय की ओर से रविवार से प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण शुरू किया गया़ इसी क्रम में प्रथम दिन अररिया प्रखंड में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ़ प्रखंड कार्यालय परिसर के सभागार में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2014 9:55 AM
अररिया : जिले में जन्म व मृत्यु निबंधन के प्रतिशत को बढ़ाने में अधिकारियों व पंचायत प्रतिनिधियों के आवश्यक सहयोग के लिए जिला सांख्यिकी कार्यालय की ओर से रविवार से प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण शुरू किया गया़ इसी क्रम में प्रथम दिन अररिया प्रखंड में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ़
प्रखंड कार्यालय परिसर के सभागार में हुए प्रशिक्षण के दौरान जहां जागरूकता व पंजीकरण से संबंधित विभिन्न प्रपत्रों को भरने पर आधारित दो फिल्मों का प्रदर्शन किया गया़ वहीं प्रशिक्षक सह जिला सांख्यिकी पदाधिकारी महेश प्रसाद ने अधिकारियों से जन्म व मृत्यु के पंजीकरण में सहयोग देने की अपील करते हुए कहा कि दोनों प्रमाण पत्र बहत आवश्यक होते हैं. समय-समय पर इनकी जरूरत पड़ती रहती है़ लिहाजा ये जरूरी है कि जन्म लेने वाले हर बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र व मरने वाले का मृत्यु प्रमाण पत्र सही समय पर जरूर बऩे
प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि पंचायत में वहां के पंचायत सचिव निबंधन के लिए रजिस्ट्रार होते हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं को उनके पोषक क्षेत्र के लिए उप रजिस्ट्रार घोषित किया गया है़ हालांकि पंचायत प्रतिनिधियों की भी भूमिका बहुत अहम है़ उन्हें अपने पंचायत में जन्म व मृत्यु की खबर तुरंत मिल जाती है, लिहाजा ये जरूरी है कि समाचार मिलते ही वे संबंधित पंचायत सचिव को जानकारी देते हुए प्रमाण पत्र बनवाने में सहयोग करें़ पंचायत के मुखिया को विशेष सहयोग देने की जरूरत है़
उन्होंने ग्राम पंचायत पर्यवेक्षकों व सीडीपीओ से भी क्षेत्र निरीक्षण के दौरान जन्म-मृत्यु पंजीकरण पर ध्यान देने की बात कही़ उन्होंने कहा कि पंजीकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए साझा प्रयास करना होगा़ जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक प्रशिक्षण में सीडीपीओ, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, पंचायत सचिव, जीपीएस, अररिया पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी, एएनएम व जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र सहायक के अलावा लगभग दर्जन भर मुखिया भी शामिल हुए़

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